Beggar Free City : शहर के दर्जनभर चौराहे अब भिखारियों से मुक्त!
Indore : प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर प्रशासन और नगर निगम ज्यादा ही सजग है।शहर का चेहरा चमकाने के साथ ऐसे सारे दाग-धब्बे भी छुपाए जा रहे हैं, जो शहर की पहचान और खूबसूरती को बिगाड़ सकते हैं। उन्हीं में से एक है चौराहों पर दिखाई देने वाले भिखारी। जहां भी प्रवासी भारतीयों के जाने की संभावना या कार्यक्रम है, वहां के हर चौराहे को भिखारी मुक्त किया जा रहा है।
नगर निगम एनजीओ के जरिए इस पर विशेष फोकस कर रहा हैं। भिक्षुकों से निजात दिलाने में भी तेजी से लगा है। एनजीओ के माध्यम से शहर के 12 प्रमुख चौराहों, धर्मस्थलों आदि से भिक्षुकों को पकड़कर पुनर्वास केन्द्र भेज दिया गया। भिक्षावृत्ति से जुड़े कुछ बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा गया। परदेशीपुरा स्थित पुनर्वास केन्द्र की प्रभारी रुपाली जैन ने बताया कि डेढ़ साल पहले स्वच्छता अभियान के तहत केन्द्र में भिक्षुकों को लाना शुरू किया गया था। यहां 82 के आसपास भिक्षुक थे। कई भिक्षुकों की काउंसलिंग कर उन्हें वापस सामाजिक जीवन जीने की राह दिखाई तो कुछ भिक्षुकों ने रोजगार कर आजीविका चलाना शुरू किया।
भिक्षुकों को शहर से पकड़कर लाया जा रहा था। फिर भी कुछ महिलाएं बच्चों को साथ लेकर भिक्षावृत्ति करती है। इन्हें पकड़ने की कोशिश की, मगर वे विवाद करने लगी। पुलिस की मदद से महिलाओं को बच्चों के साथ पकड़ा। महिलाओं के साथ जो बच्चे पकड़े गए, वे कहीं और से उनके साथ आए थे। बच्चों से घर का पता पूछकर उन्हें वहां भेजा गया। उधर, निगम की एक टीम लगातार धर्मस्थलों, बस स्टैंड, स्टेशन, सार्वजनिक स्थानों और प्रमुख चौराहों पर नजर रखी हुई है। कहीं भी भिक्षुक दिखाई देने पर उन्हें तत्काल रेस्क्यू किया जाएगा।
निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक, भिक्षुकों की धरपकड़ की मुहिम लगातार चलती रहेगी। विवाद करने वाले भिक्षुकों को पुलिस के हवाले भी किया जाएगा। आमजन से अपील है कि कहीं भी भिक्षुक दिखाई दे तो निगम के कंट्रोल रुम में शिकायत करे।