लाड़ली लक्ष्मी योजना के अस्तित्व के पीछे पूर्व मुख्य सचिव स्व. श्री साहनी का नाम रहेगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री, स्व. श्री साहनी की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए

560

लाड़ली लक्ष्मी योजना के अस्तित्व के पीछे पूर्व मुख्य सचिव स्व. श्री साहनी का नाम रहेगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री बनते ही मैंने बेटी को लाड़ली लक्ष्मी बनाने का विचार किया। इसी विचार के साथ लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई। योजना के अस्तित्व के पीछे पूर्व मुख्य सचिव श्री साहनी का नाम रहेगा, जो अपने कार्यों की वजह से मेरे दिल के करीब थे। कल्पना नहीं की थी कि वे हमें इतनी जल्दी छोड़ कर चले जाएंगे। वर्ष 2006 में मैंने उन्हें मुख्य सचिव बनाया। मैं एक बार जो उनसे कह देता था, उस पर वे परफेक्ट कार्य करते थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज पूर्व मुख्य सचिव स्व.श्री राकेश साहनी की स्मृति में हुई श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व. श्री साहनी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित वर्तमान और पूर्व आईएएस अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व. श्री साहनी के मुख्य सचिव कार्यकाल में बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ। उन्होंने प्रदेश में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए वर्षवार रोडमेप तैयार किया था। लोग 24 घंटे बिजली देने की बात पर भरोसा नहीं करते थे। मैंने वर्ष 2013 में घोषणा की थी कि हर घर को 24 घंटे बिजली देंगे, जो स्व. साहनी की कर्मठता से पूरी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दिन-रात अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कर कार्य पूरा कर लेते थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना बनाने में भी स्व. साहनी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। गुड गवर्नेंस के लिए भी उनसे चर्चा होती थी। समाधान ऑन लाइन, जन-सुनवाई, वन-डे गवर्नेंस का कॉन्सेप्ट भी उन्हीं के कार्यकाल में आया। मुख्यमंत्री के रुप में मुझे उनका बेहतर सहयोग मिला। प्रदेश में सड़कें, सिंचाई और पानी की व्यवस्था के पीछे उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व. साहनी संकट में धैर्य नहीं खोते थे। उन्होंने मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास के लिए बेहतर से बेहतर कार्य किया। ऐसे कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। श्रद्धांजलि सभी के अंत में अरदास भी हुई।