Bhajan Sandhya Organized : प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर 6 स्थानों पर भजन संध्या आयोजित!
Indore : रामायण में प्रत्येक रिश्ता आदर्श का चरम बिंदू है। जिससे रिश्तों की अहमियत और संगठन की महत्ता भी प्रतिपादित होती है। रामायण का संदेश है कि छोटे जीव को भी प्रतिष्ठा प्राप्त होना चाहिए। समाज और राष्ट्र में समभाव का वातावरण निर्मित होना आवश्यक है। यह विचार राष्ट्र सेविका समिति मध्य भारत प्रांत की सेवा प्रमुख श्रुति केळकर ने प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व भजन संध्या में व्यक्त किए।
प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व राष्ट्र सेविका समिति द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया। एक ही समय पर शहर में 6 स्थान पर यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। उसमें शालीमार टाउनशिप में भी यह आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांत की सेवा प्रमुख श्रुति केलकर ने की और मुख्य अतिथि लक्ष्मी डालमिया थी। इनका स्वागत बौद्धिक प्रमुख सीमा भिसे ने किया।
सात भजनी मंडल ने भगवान श्रीराम पर अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कई भजन प्रस्तुत किए गए। कुछ भजनों कर बोल थे राम जन्म सफल होगा रे बंदे मन में राम बसा ले, उघडा मंदिर हे रामाचे बाघण्या रूप सीतेचे, श्री राम जय राम जय जय, राम राहों में फूल बिछाऊंगी जब मेरे घर आएंगे। सूरज की गर्मी से जलते हुए तन कप मिल जाए तरुवर की छाया। अयोध्या में आए मेरे राम बोलो जय सियाराम और श्री रघुवर जी की अवधपुरी में प्राण प्रतिष्ठा होना है निमंत्रण को स्वीकार करो अब सबको अयोध्या जाना है। इस भजन संध्या से वातावरण रामायण हो गया और सभी भजनों से भक्ति में डुब गए।
भजन मंडल में प्रमुख रहे मीनू पोतनीस, मंगला काशीकर, अपर्णा उमड़ेकर, कुंती पवार, प्रभा भागवत, रेनू मित्तल और पूनम तिवारी। इनके समूह ने सुंदर प्रस्तुतियां दी। आयोजन समिति की शुभांगी भागवत, मंझरी जांभेकर, आकांक्षा कुटुंबळे विशेष रूप से उपस्थित थी। इस आयोजन में करीब 175 महिलाओं की उपस्थिति रही। एकल गीत शुभांगी भिसे द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन वाणी जोशी और आभार प्रदर्शन मृणालिनी बियाणी ने किया।