चिनाब नदी के किनारे भीमगढ़,जहां मिला लीथियम(‘सफेद सोना’)का खजाना

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लीथियम

चिनाब नदी के किनारे भीमगढ़,जहां मिला लीथियम‘सफेद सोना’का खजाना

भारत में लीथियम का अकूत खजाना मिला है. रियासी जिले के सलाल हैमाना क्षेत्र में.रियासी जम्मू कश्मीर के प्राचीन नगरों में से एक है, जिसके बारे में कई दिलचस्प कहानियां हैं.

चिनाब नदी के किनारे बसे इस शहर का मुख्यालय कभी भीमगढ़ हुआ करता था. हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थल माता वैष्णो देवी धाम भी इसी जिले में है.

ऐसा कहा जाता है कि आठवीं शताब्दी में राजा भीमदेव ने इस नगर को बसाया था. 1822 तक इसे भीमगढ़ के तौर पर ही जाना गया. मगढ़ किला आज भी मौजूद है. इससे पहले रियासी को रसयाल के नाम से जाता था. 2007 तक यह ऊधमपुर जिले का ही हिस्सा था, 1 अप्रैल 2007 को तत्कालीन जम्मू कश्मीर सरकार ने रियासी को अलग जिला घोषित कर दिया था. यह मुख्य तौर पर एक पहाड़ी जिला है, यहां नौ तहसील और 12 विकास खंड हैं.

चिनाब नदी के किनारे है सलाल हैमाना

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में जिस सलाम हैमाना क्षेत्र में लीथियम का अकूत भंडार मिला है वह इलाका चिनाब नदी के किनारे स्थित है, यहां सलाल गांव भी हैं, यहां रहने वालों का मुख्य पेशा खेती ही है, हालांकि विकास के नजरिए से ये इलाका काफी पिछड़ा हुआ है.पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं भी यहां अभी उस तरह की नहीं हैं, लीथियम का भंडार मिलने के बाद अब इस इलाके में विकास की संभावना बढ़ गई है.

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समुद्रतल से 466 मीटर ऊंचाई पर बसा

रियासी जिले का क्षेत्रफल 1719 किमी यानी 664 वर्ग मील है. यह जम्मू से 64 किमी दूर है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 466 मीटर है, इसके पड़ोसी जिला उत्तर में कुलगाम, उत्तर पूर्व में रामबन, दक्षिण पूर्व में उधमपुर और पश्चिम में राजौरी जिला है. इस जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन ये खुद उधमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है.

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जिले में हैं कई ऐतिहासिक स्थान

हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थल माता वैष्णो देवी रियासी जिले के कटरा में हैं. इसके अलावा यहां शिवखोरी, श्री बावा अघर जित्तो जी, श्री सियाह बाबा, श्री बाबा धनसार, भरख के पास जियारत बाजी इस्माइल साहिब समेत अन्य ऐतिहासिक स्थान शामिल हैं जिनका संस्कृति और धार्मिक महत्व खूब है.

सफेद सोना है लीथियम

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लीथियम एक रासायनिक तत्व है, जिसका प्रतीक Li है, यह एक नरम चांदी के समान सफेद धातु है, इसे सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्व माना जाता है, यह प्रतिक्रियाशील और अधिक ज्वलनशील होता है. स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिकल व्हीकल व अन्य बैटरी में प्रयोग होने की वजह से विश्व में लीथियम की मांग ज्यादा बढ़ गई है, इसीलिए इसे ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता है. विश्व में लीथियम के सबसे बड़े उत्पादक देशों में चीन और ऑस्ट्रेलिया है.