Big Action Of Administration : 17 कॉलोनियों के 48 अवैध कॉलोनाइजरों पर FIR, भू माफियाओं में हड़कंप

पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी को क्यों जाना पड़ा कलेक्टर से मिलने

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Big Action Of Administration : 17 कॉलोनियों के 48 अवैध कॉलोनाइजरों पर FIR, भू माफियाओं में हड़कंप

Ratlam : रतलाम जिला प्रशासन द्वारा जिले में 17 कॉलोनियों के 48 अवैध कॉलोनाइजरों पर FIR करने पर भूमाफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।

इसी संदर्भ में कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट पर पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी का तमतमाया चेहरा और रौद्र रूप देखकर हर कोई हैरानी भरी नजरों से उन्हें देखने लगे। वहीं कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया। अधिकारी इधर उधर दौड़ते नजर आने लगे। आखिर क्या कारण रहा कि प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता को आनन फानन कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी से मिलने कलेक्ट्रेट जाना पड़ा।

देखिये वीडियो-

तो आइए हम बताते हैं आपको पूरा घटनाक्रम-

रतलाम जिले के जावरा और पिपलोदा में अवैध कॉलोनियों को लेकर पुलिस ने जावरा में 14 कॉलोनियों के 41 कॉलोनाइजरों और पिपलोदा में 3 कॉलोनियों के 7 कॉलोनाइजरों पर उनके काले कारनामों को लेकर FIR दर्ज की थी।
पिपलोदा में जिन 7 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया, उनमें भाजपा के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे प्रकाश कोठारी की पत्नी संगीता कोठारी और भाजपा नेता चंद्रप्रकाश ओसतवाल भी शामिल हैं।

बहू पर एफआईआर दर्ज होने और कार्रवाई से गुस्साएं पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी सीधे कलेक्ट्रेट पंहुचे। तब कलेक्टर अपने ऑफिस में नहीं थे।वह जब आए तो कोठारी का हाथ पकड़कर अपने ऑफिस में ले गए। कोठारी ने कहा कि मेरे भतीजे की पत्नी दोषी नहीं है। वह सिर्फ जमीन मालिक थी। कॉलोनी किसी शांतिलाल नाम के व्यक्ति ने काटी थी। यदि कोई दोषी है तो कारवाई करें। लेकिन इसके पहले नोटिस जारी कर पूछताछ करना चाहिए। ऐसे में हमारी बहू ने क्या गलत किया।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, हिम्मत कोठारी-

कोठारी ने बताया कि मैंने कलेक्टर से पूर्व में भी कहा था कि तथ्यात्मक जांच करें लेकिन बगैर नोटिस के कार्रवाई गलत की। ऐसे में अब हिम्मत कोठारी बर्दाश्त नहीं करेगा और हर मोर्चे पर मैं लड़ाई लडूंगा।

अवैध कॉलोनियों को वैध करने की पहली शर्त जिम्मेदार अवैध कॉलोनाइजरों पर FIR दर्ज करना ही है। यह प्रावधान प्रदेश भर की 5642 कॉलोनियों के लिए है लेकिन सिर्फ रतलाम जिले का जावरा एसा स्थान है जहां अवैध कॉलोनी मामले में FIR दर्ज हुई है। जबकि रतलाम शहर में ही 47 कॉलोनियों के 100 से अधिक लोगों पर FIR के लिए निगम 3 माह पहले ही इनकी सूची थानों में भेज चुका हैं जिसमें कार्यवाही आज तक नहीं हुई है।

कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा था कि अवैध कॉलोनियों को वैध कराने के लिए थाने में सूचना देना अनिवार्य है। FIR हो यह जरूरी नहीं। एफआईआर दर्ज नहीं होगी तब भी नक्शे व एस्टिमेट बनाकर कॉलोनी वैध कर सकते हैं और विकास कार्य करवाया जा सकता है।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी-

इन लोगों पर हुई एफआईआर दर्ज

01-माली समाज कॉलोनी : मोहम्मद हुसैन जावरा
02-इदगाह रोड़ कॉलोनी : भेरुलाल, टेकचंद, पूनमचंद, राजू, नानालाल पिता धुल जी, बबलू, कैलाश, संगीता, निलेश पिता गोपाल व शांति बाई माली निवासी जावरा।
03-नरसिंह कॉलोनी : नरसिंह धाकड़ जावरा
04-जैन कॉलोनी : विपिन कुमार जैन, जावरा,
05-अरब साहब कॉलोनी भाग 2 : फरीद हुसैन जावरा
06-अरब साहब कॉलोनी भाग 3 : पीर मोहम्मद,शैजाद अली निवासी सनावद, गोपाल ब्राह्मण रतलाम, साजिद खान रतलाम, दिलीप कुंवर पुरोहित रतलाम, इकबाल हुसैन जावरा, शाकिर मोहम्मद जावरा
07-सांवरिया एक्सटेंशन : बच्छराज चोपड़ा जावरा
08- नाना साहब मोहल्ला के पास भाग 02 : अनवर हुसैन, मोहम्मद सलीम, जौहरा बी, जरीना बी, मुनव्वर हुसैन, मुजफ्फर हुसैन, मकसूद हुसैन, रूकय्या बी, रानी बानो जावरा
09- कृष्णा कॉलोनी : देवीलाल यादव जावरा
10- महावीर कॉलोनी : कैलाश धाकड़ जावरा
11-फुल शाह दाता कॉलोनी : मोहम्मद गुलाम अली, मोहम्मद अजहर जावरा
12-नाना साहब मोहल्ला के पास भाग 01 : रशीद खान, जाहिद हुसैन जावरा
13-मिनीपुरा कॉलोनी : तेजकुंवर -जुझार सिंह, नागू सिंह व करण सिंह निवासी रुधनाथ सिंह जावरा
14-नाना साहब के मोहल्ला के पास : उस्मान गनी जावरा
15- पिपलोदा जिनींग फैक्ट्री कॉलोनी : संगीता देवी -प्रकाश कोठारी, चंद्रप्रकाश ओस्तवाल जावरा
16-नांदलेटा रोड पोरवाल कॉलोनी : रामगोपाल पोरवाल निवासी चोमेला मंडी राजस्थान
17- बोहरा कॉलोनी पिपलोदा : कुतुबुद्दीन बोहरा, मुस्तफा बोहरा, शाकिर बोहरा, जैनब बोहरा निवासी जावरा।

राजनैतिक दबाव में अधिकारियों ने की FIR

भाजपा नेता चंद्रप्रकाश ओसतवाल ने बताया कि पिपलोदा में कॉलोनी 1990-92 में काटी गई थी। तब अनुमति विधिवत् आवेदन दिए गए थे तब 1982 का एक्ट लागू था। इसके तहत पिपलोदा निवेश क्षेत्र का हिस्सा नहीं होने के कारण एक्ट लागू नहीं हुआ। इसलिए टीएनसीपी ने लिखकर दिया कि इसमें अनुमति आवश्यक नहीं। यह दस्तावेज हमने पेश किए लेकिन अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की। राजनैतिक दबाव में गलत एफआईआर दर्ज कर डाली। तिनके तिनके जोड़कर भाजपा के ही कार्यकर्ताओं पर टारगेट कीलिंग की जा रही है। हमें कोर्ट पर विश्वास है। वहां समूचे तथ्य प्रस्तुत करेंगे और सड़क पर भी लड़ाई लड़ेंगे।

पूर्व गृह मंत्री 8 अप्रेल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रतलाम आगमन पर उनसे मिलेंगे और इस विषय पर शिकायत करेंगे।

इस मामले में 7 वर्ष की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माने का है प्रावधान और गिरफ्तारी भी

मध्यप्रदेश नगर पालिका की धारा 339 ग के तहत आरोप सिद्ध होने पर न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है। 10 लाख रुपए का अर्थदंड भी है। पुराने नियम में यह 10 हजार रुपए ही था। संज्ञेय अपराध होने से गिरफ्तारी होगी हालांकि थाने पर से ही जमानत दी जा सकती है।

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