Big Gift: 2020 से पहले सरकारी भूमि पर बसे भूमिहीनों को मिलेगा पट्टा
भोपाल: चुनावी साल में राज्य सरकार प्रदेश की आम जनता को बड़ा तोहफा देने जा रही है। पट्टे की अवधि में सरकार छह साल का इजाफा करने जा रही है। अभी तक केवल वर्ष 2014 तक के कब्जाधारक पट्टे के लिए पात्र थे अब इसे बढ़ाकर 2020 किया जा रहा है। इससे प्रदेश के लाखों आमजन लाभान्वित होंगे। इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। शासकीय भूमि का पट्टा मिलने के बाद प्रदेश के इन पट्टा धारकों को भविष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रदेश में पुणे शुरू होने पर इस योजना का लाभ भी दिया जाएगा इससे निशुल्क पट्टा और पीएम आवास में राशि मिल सकेगी।
प्रदेश में शासकीय जमीन पर काबिज गरीब आवासहीनों को नि:शुल्क पट्टा देकर जमीन का मालिकाना हक देने के लिए मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना अधिनियम 1984 बना हुआ है। इसमें अभी तक केवल 31 दिसंबर 2014 तक के काबिज ही पात्र माने गए है। इस अवधि के बाद शासकीय जमीन पर रहने वालों को कोई पट्टा नहीं दिया गया है और फिलहाल वे अतिक्रमणकारी की श्रेणी में आते है। अब सरकार इस अधिनियम में पात्रता की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 करने जा रही है। याने इस अवधि तक शासकीय भूमि पर काबिज गरीब भूमिहीन, आवासहीन व्यक्तियों को सरकार जमीन का नि:शुल्क पट्टा जारी कर उन्हें उस जमीन का मालिक बनाएगी इसके लिए संशोधन अधिनियम 2023 को कैबिनेट में मंजूरी दिलाई जाएगी।
कहां कितनी जमीन का मिलेगा पट्टा- नगर निगम क्षेत्र में शासकीय जमीन पर काबिज आवासहीन, भूमिहीन व्यक्तियों को 450 वर्गफीट जमीन का पट्टा जारी किया जाएगा।
नगर पालिका क्षेत्र के आवासहीन, भूमिहीनों को 60 वर्गफीट और नगर परिषद क्षेत्र में काबिज लोगों को 80 वर्गमीटर जमीन का पट्टा दिया जाएगा। यह पट्टा केवल 31 दिसंबर 2014 के बाद से 21 दिसंबर 2020 के बीच की अवधि में सरकारी जमीन के कब्जाधारी होना चाहिए। एक परिवार के कब्जे में इससे अधिक जमीन होगी तो उन्हें इस पात्रता सीमा तक ही पट्टा दिया जाएगा।
जानकारी छुपा कर पट्टा लिया तो सात साल की कैद-
जिस अधिनियम के तहत सरकारी जमीन का पट्टा दिया जाएगा उसमें पहले से प्रदेश में कहीं जमीन, भवन होंने की जानकारी छुपाते हुए खुद को भूमिहीन या आवासहीन बता का योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को सात वर्ष की कैद का प्रावधान भी है। इस अधिनियम में पट्टे की जमीन को बेचकर दूसरी बार योजना का लाभ लेने, पट्टे पर प्राप्त जमीन को किराये पर देने, योजना के तहत पट्टा पाने वाले व्यक्ति की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर जमीन हथियाने वाले व्यक्ति को भी सात साल की सजा का प्रावधान है। एक परिवार को पूरे जीवनकाल में केवल एक बार ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
कैबिनेट से संशोधन अधिनियम की मंजूरी मिलने के बाद अनुविभागीय दंडाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व , नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के अधिकारी पटवारी, राजस्व निरीक्षकों का दल शहरी क्षेत्रों में ऐसे शासकीय भूमि पर काबिज लोगों का सर्वे करेंगे। सर्वे के बाद सूची तैयार की जाएगी। जो पात्रता की श्रेणी में आएंगे उनका विभिन्न स्तर पर परीक्षण कराए जाने के बाद उन्हें शासकीय जमीन का पट्टा दिया जाएगा।