

Big Police Action in Alirajpur: नाबालिग से दुष्कर्म के बाद निजी अस्पताल में अवैध गर्भपात,आरोपी युवक और 2 डॉक्टर गिरफ्तार
– राजेश जयंत
आलीराजपुर। Big Police Action in Alirajpur: मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य अलीराजपुर जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के बाद निजी अस्पताल में अवैध गर्भपात करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक और 2 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है।
अलीराजपुर जिले के सोंडवा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म और फिर निजी अस्पताल में अवैध रूप से गर्भपात कराने का मामला सामने आया है। पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास के अनुसार, करीब चार महीने पहले आरोपी युवक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया और उसे जान से मारने की धमकी दी। गर्भवती होने पर 18 जून को परिजन किशोरी को आलीराजपुर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉ. प्रवीण सोलंकी और डॉ. अफसर पठान ने बिना कानूनी प्रक्रिया के उसका गर्भपात कर दिया।
21 जून को पीड़िता ने साहस कर सोंडवा थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक और दोनों डॉक्टरों को पॉक्सो एक्ट, एमटीपी एक्ट सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है। जिस अस्पताल में गर्भपात हुआ, उसका संबंधित कक्ष सील कर दिया गया है और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने अस्पताल के पंजीयन, दस्तावेज और डॉक्टरों की डिग्री की जांच के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और पीड़िता की पहचान कानून के अनुसार गोपनीय रखी जाएगी।
*सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि:*
आलीराजपुर जिला मध्यप्रदेश का सबसे पिछड़ा और जनजाति बहुल क्षेत्र है, जहाँ लगभग 89% आबादी अनुसूचित जनजाति की है। यहाँ की साक्षरता दर सिर्फ 37% है, जो देश में सबसे कम है, और गरीबी के मामले में भी यह जिला सबसे पीछे है। शिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते यहां के गरीब और अशिक्षित लोग अक्सर शोषण का शिकार हो जाते हैं। इस मामले में भी देखा गया कि पढ़े-लिखे डॉक्टरों ने कानून की अनदेखी कर नाबालिग का अवैध गर्भपात किया, जो यहां के समाज में व्याप्त असमानता और शोषण का एक उदाहरण है।
**कानूनी प्रावधान:**
भारत में *Medical Termination of Pregnancy (MTP) Act, 1971* के तहत नाबालिग का गर्भपात कोर्ट की अनुमति और अभिभावक की सहमति के बिना करना अपराध है। *POCSO Act, 2012* के तहत नाबालिग से दुष्कर्म और अवैध गर्भपात दोनों ही गंभीर अपराध हैं, जिनमें कड़ी सजा का प्रावधान है। इस केस में डॉक्टरों ने न तो कोर्ट की अनुमति ली, न ही सही दस्तावेजी प्रक्रिया अपनाई, जिससे उन पर सख्त धाराएं लगाई गई हैं।