Big Success of Police: मासूम बालिका के साथ दरिंदगी करने वाला दुर्दांत आरोपी पकड़ा गया

ऑटो से ले जाकर सुनसान स्थान पर दिया था घटना को अंजाम, आरोपी से घटना के समय पहले खून से सने कपड़े किये जप्त

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Big Success of Police: मासूम बालिका के साथ दरिंदगी करने वाला दुर्दांत आरोपी पकड़ा गया

उज्जैन: उज्जैन में 25 सितंबर के सुबह करीब 10-15 बजे एफ.आर.वी महाकाल को एक बच्ची के बदहवास अवस्था में चोटित होने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसको तत्काल पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाया गया व तत्काल मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सी. एस.पी. माधवनगर श्रीमती दिपीका शिंदे सी.एस.पी कोतवाली श्री ओपी मिश्रा, उप पुलिस अधीक्षक क्राईम पी योगेश तोमर यात्रा प्रभारी महिला थाना प्रभारी महाकाल मौके पर पहुंचे थे। मौके पर बालिका की स्थिति बड़ी दयनीय थी एवं अपनी पहचान व अपने साथ हुई घटना के बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थी जो कि एक बड़ी चुनौती बन गई थी। तत्काल महिला अधिकारियों के साथ में बालिका को मेडिकल उपचार के लिये अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों की टीम द्वारा मेडिकल परिक्षण किया गया व तत्काल उपचार शुरू किया गया। गहन परीक्षण के उपरांत डॉक्टर टीम द्वारा बालिका के साथ सेक्सुअल असॉल्ट की संभावना व्यक्त की गई।

इस पर देहाती नालसी अपराध धारा 376/376(3) भादवि 1942 पॉक्सो एक्ट की ली गई तत्पश्चात थाना महाकाल में अपराध पंजीबद्ध किया गया।

उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि यह सम्पूर्ण उज्जैन पुलिस के लिये एक चुनौती थी. एक और बालिका का नाम पता ज्ञान नहीं हो रहा था. उसके साथ कहा पर कैसे घटना किसके द्वारा की गई ये सब थे। दूसरी और बालिका का बिगड़ा स्वास्थ्य भी चुनौती था।

यह सब देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्व )जयंत राठौर अति पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) गुरुप्रसाद पाराशर के नेतृत्व में घटना की विस्तृत जानकारी एवं आरोपी की तलाश और गिरफ्तारी हेतु 25 सदस्यीय एस.आई. का गठन किया गया। एसआईटी सदस्यों को लगातार लक्ष्य दे करके उनके द्वारा किए गए कार्यों समय-समय पर सुपरविजन किया गया। आरोपी की जानकारी देने वाले एवं गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा 10 हजार रुपये के ईनाम की घोषणा की गई है। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बालिका के संबंध में जानकारी एकत्र करना था जिसके लिए टीमों द्वारा आस-पास के जिलो से संपर्क कर जानकारी एकत्रित की गई। बालिका के संबंध में बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन रहवासी कॉलोनीयों में जानकारी एकत्रित की गई।

महिला अधिकारियों की टीम द्वारा बालिका से जानकारी एकत्रित की गई किन्तु बालिका अपने एवं परिवार के संबंध में संपूर्ण जानकारी नहीं दे पा रही थी जिसके द्वारा घटना के सम्बन्ध में तत्समय दी गई जानकारी के आधार पर बालिका को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय उज्जैन ले जा कर महिला चिकित्सकों की टीम द्वारा बालिका का प्राथमिक परीक्षण किया एवं वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम द्वारा बालिका प्राथमिक उपचार किया गया एवं चिकित्सकों की टीम इस बालिका को अग्रीम उपचार हेतु शासकीय अस्पताल इंदौर ले जाने का कहा गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उज्जैन पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इंदौर शासकीय अस्पताल के चिकित्सकों से समन्यव कर चिकित्सकों, नायब तहसीलदार एवं पुलिस अधिकारियों की टीम के साथ बालिका को एम्बुलेंस के द्वारा एम. टी. एच. अस्पताल इंदौर पहुँचाया गया। जहाँ वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा बालिका का सफल ऑपरेशन कर उसको सुरक्षित किया गया। पुलिस आरक्षकों द्वारा बालिका को रक्त भी दिया गया। पुलिस उज्जैन द्वारा विवेचना एस.आई.टी. के सदस्यों के बाद से ही सतत् अलग अलग टीमें बनाकर पहली बार बालिका को जहाँ देखा गया था उसके आस-पास जानकारी एकत्रित की गई. घटना के एक हजार से भी अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए. बायपास पर स्थित कॉलोनियों के रहवासियों से जानकारी एकत्रित की गई एवं तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किए गये टीमों द्वारा सौ से भी अधिक निगरानी बदमाशों से पास की गई कई रिक्शा चालको ई-रिक्शा चालकों, बस ऑपरेटरर्स रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड पर तमाम लोगों से पूछताछ की गई। पीड़िता की पहचान के लिये आसपास के जिलों एवं राज्यों से भी संपर्क स्थापित किया गया। पूर्व में इसी तरह के अपराध घटित करने वाले अपराधियों से भी गंभीरता से पूछताछ की गई।

इसी दौरान गुरुवार सुबह मुखबिर की सूचना पर की उक्त बालिका को घटना दिनांक को ऑटो चालक भरत जिसके ऑटो पर अर्जुन लिखा है अपने साथ से गया था। उक्त सूचना की तस्दीक करते हुए एसआईटी सदस्यों द्वारा संदेही को अभिरक्षा में लेकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पड़ताल की गई, जिस पर उसने घटना घटित करना स्वीकार किया जिसे गिरफ्तार कर पास 27 साक्ष्य अधिनियम के मेमो देख कर आरोपी द्वारा बताये गये घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंची जहां कार्यवाही के दौरान आरोपी पुलिस जवानों को धक्का देकर भागा, मौके पर तुरंत अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर आरोपी को पकड़ने के प्रयास किये गये, आरोपी द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया, जिसमें कुछ पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को चोटें  आई हैं तथा आरोपी भागने के दौरान गड्ढे में गिरने से चोटें आई हैं, जिसका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। इस घटना पर थाना लीलगंगा पर अपराध पारा 225-बी. 333 एवं 132] भाउवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया जा रहा है।

घटना में ऑटो क्रमांक एमपी 13 आर 4587 के चालक राकेश मालवीय को पीड़ित घायल बालिका के संबंध में पुलिस को सूचना नहीं देने पर पास 126 भादवि के तहत कार्यवाही की जा रही है।

आरोपी का विवरण

भरत पिता राजु सोनी उम्र 24 वर्ष निवासी नागाखेड़ा उज्जैन

आरोपी के पूर्व में भी अपराधिक रिकॉर्ड थाना माधव नगर व थाना नानाखेड़ा पर दर्ज है।

सराहनीय भूमिका

नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली ओपी मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक दीपिका शिंदे, उप पुलिस अधीक्षक क्राईम योगेश सिंह तोमर, निरी अजय कुमार वर्मा, निरी विवेक कनोडिया नी मधुवाला राठौर, उनि वीरेन्द्र बन्देवार, उनि कविता मण्डलोई, उनि प्रतीक यादव, सउनि विनोद राठौर, सउनि राम वाजपेयी, सउनी सुरेन्द्र सिंह पंवार, प्रआर सुमित प्रआर सुनील पाटीदार, प्रआर राजपाल सिंह, प्रआर. महेश जाट, प्रआर कुलदीप भारद्वाज, प्रआर, रुपेश बिडवान, प्रआर, अनिस, आर बलराम सिंह गुर्जर, आर. गुलशन चौहान, आर. पंकज पाटीदार, आर. चालक नीरज कुशवाह, म.आर. प्रियंका परिहार आ र सुजाता म.आर. सुषमा मआर अनिता सैनिक विशाल यादव।