
मध्यप्रदेश में 27% OBC आरक्षण की सुनवाई में बड़ा मोड़, 23 सितंबर को आएगा अंतिम फैसला
Bhopal: मध्यप्रदेश में OBC वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू करने की लंबित कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है। 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 14% से 27% तक OBC आरक्षण बढ़ाने का कानून बनाया था, लेकिन हाई कोर्ट ने 2022 में इस पर स्टे लगा दिया। तब से केवल 14% आरक्षण ही लागू है।
अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लगातार प्रयासों और राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को ‘टॉप ऑफ द बोर्ड क्लास’ केस बनाया है। 23 सितंबर 2025 से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू होगी, जो इस मामले का अंतिम निर्णय करेगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कई बार साफ किया है कि वह 27% Reservation लागू करने के पक्ष में हैं और जहां कोर्ट का स्टे नहीं है, वहां इसे लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय बनी कमजोर युक्तियों के कारण मामला अटका था, लेकिन अब उनकी सरकार ने इसे पूरी ताकत से सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। वहीं विपक्षी कांग्रेस सरकार ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह ओबीसी आरक्षण लागू करने में देरी कर रही है और इसे राजनीति का विषय बना रही है।
इस फैसले का ओबीसी समुदाय के हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी और शिक्षा में फायदे मिलने की उम्मीद है। 27% आरक्षण लागू होने से मध्यप्रदेश की करीब 50% आबादी को संवैधानिक अधिकार मिलेगा।




