
Birth & Death Certificate Fraud : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में भी फर्जीवाड़ा, देशभर में 123 फर्जी वेबसाइटों से ठगी!
Indore : मार्कशीट, डिग्री और जाति प्रमाण पत्र के बाद अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों में भी फर्जीवाड़े के मामले सामने आने लगे। भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, देशभर में केवल एक अधिकृत वेबसाइट के माध्यम से ही जन्म और मृत्यु का पंजीयन वैध माना गया है। लेकिन, अब तक 123 फर्जी वेबसाइटें लोगों को गुमराह कर रही हैं और प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं, जो जांच में फर्जी पाए जाते हैं।
दोषपूर्ण प्रमाण पत्र जारी होने पर न केवल व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, बल्कि उसकी कानूनी विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश ने केंद्र से मिले निर्देशों के आधार पर जनजागरूकता अभियान चलाने के लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं।

जिला सांख्यिकी अधिकारी माधव बेंडे ने बताया कि कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश के अनुसार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि केवल सरकारी अधिकृत वेबसाइट से ही पंजीयन करें। शहरी क्षेत्र में यह कार्य नगर निगम/परिषद तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत/अस्पताल के माध्यम से किया जाता है।
उन्होंने कहा कि एमपी ऑनलाइन और सीएससी केंद्रों पर पूर्व में यह सुविधा थी। लेकिन, फर्जीवाड़ों के कारण अब यह बंद कर दी गई है। आम नागरिक घर बैठे 21 दिन के भीतर पंजीयन के लिए पब्लिक यूजर के रूप में आवेदन कर सकते हैं। शिकायत के लिए संबंधित क्षेत्र के जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार से संपर्क किया जा सकता है।
इसलिए जरूरी है वैध प्रमाण पत्र
यह कानून साल 1969 में आया था। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण एक्ट के तहत यह अनिवार्य होता है। भारत में इस एक्ट के तहत बने नियमों के तहत हर जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य या संघ शासित प्रदेश की सरकार को 21 दिन के अंदर बताना होता है। सरकार की तरफ से रजिस्ट्रेशन के लिए एक पूरा सिस्टम बनाया है। केंद्र और राज्य में स्थित चीफ रजिस्टार्स और रजिस्टार जनरल के पास इसका रजिस्ट्रेशन होता है। गांवों और कस्बों में डिस्ट्रीक्ट रजिस्टार के पास इस काम को अंजाम दिया जाता है।





