मतगणना के लिए प्रदेश में चौकन्ना होती भाजपा और कांग्रेस!

590

मतगणना के लिए प्रदेश में चौकन्ना होती भाजपा और कांग्रेस!

 

भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने विधानसभा उम्मीदवारों को मतगणना के अवसर पर सतर्क और चौकन्ना रहने की हिदयातों के साथ ही आवश्यक टिप्स भी दे रहे हैं ताकि मतगणना में कोई गड़बड़ी न हो पाए। भाजपा की नजर हर वोट और हर बूथ पर रहेगी तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों को बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया। भाजपा ने मतगणना के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता और समझाइए इसको प्राथमिकता पर रखा है। सांसद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बूथ प्रभारी और संभाग प्रभारी, जिला अध्यक्ष विधानसभा प्रभारी आदि को मतगणना को लेकर आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि बूथ और हर वोट अहम है इसलिए कोई कोताही नहीं होना चाहिए। कहीं पर कोई गड़बड़ या संदेह हो तो तुरंत ही शिकायत करने के साथ पार्टी मुख्यालय को सूचना दी जाए। बूथ काउंटर पर एजेंट-प्रभारी मौजूद रहें। मतगणना के समय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से जुड़ी बारीकियां पर भी ध्यान दिया जाए।

प्रदेश में तीन दिसंबर 2023 को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी। इसकी तैयारी के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 26 नवंबर को सभी उम्मीदवारों और उनके मतगणना अभिकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। असल में ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि कांग्रेस के भावी विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर भाजपा की तथाकथित तैयारी की भनक पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ तक पहुंच गई है। इस ट्रेनिंग में वर्चुअल जुडे कमलनाथ ने कहा, इस पूरे चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने के लिए मेरा पूरा प्रयास रहा।

अभी जो खबरें आ रही हैं। वो सब अपने हित में हैं। कोई कहेगा सट्टा बाजार ये कह रहा है पर मैं किसी पर विश्वास नहीं करता। मैं मप्र के मतदाताओं पर ही विश्वास करता हूं। बीजेपी के लोग सोचते हैं हम हथकंडे अपना लेंगे। हम लोगों को खरीद लेंगे। अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। आप लोग इस ट्रेनिंग में भाग लें। जो प्रजेंटेशन दिए गए हैं। वो सब मैंने देखे हैं। हमारी टेक्निकल टीम ने तैयार किए हैं। उसे बारीकी से समझें। कमलनाथ ने कहा कि पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनने जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो पालियों में प्रशिक्षण दिया गया पहली पाली में रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर-चंबल संभाग की ट्रेनिंग हुई। दूसरी पाली में इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल और सागर संभाग के प्रत्याशियों की ट्रेनिंग हुई। इस ट्रेनिंग में मतगणना के पहले और काउंटिंग के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में बताया गया कि मतदान के बाद जो प्रारूप दिया गया है, उसका मिलान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों से अवश्य करें।

यह भी बताया गया कि जब मतगणना का एक चक्र पूरा हो तो उसके परिणाम की सत्यापित प्रतिलिपि लें। तब तक मतगणना टेबल से न उठें, जब तक ईवीएम से मतों की गणना पूरी ना हो जाए। पहले चरण में रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर और चंबल संभाग के उम्मीदवारों और मतगणना अभिकर्ताओं का प्रशिक्षण हुआ। इसमें प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग से संबंधित कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया, महेंद्र जोशी और शशांक शेखर ने मतगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम से जब एवं निकाल कर मतगणना स्थल पर लाई जाए, तब वहां उम्मीदवार या मतगणना अभिकर्ता उपस्थित रहें। प्रत्येक मशीन की जांच करें और यह सुनिश्चित कर लेने की वह सील बंद है या नहीं।

सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती होगी, इसमें सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। एक-एक मत महत्वपूर्ण है, इसलिए ध्यानपूर्वक डाक मत पत्रों की गिनती करवाएं।जहां कहीं भी संदेह हो, तत्काल लिखित में आपत्ति करें। उन्हें बताया गया कि सुबह आठ बजे से ईवीएम से मतों की गणना भी शुरू हो जाएगी। प्रत्येक टेबल पर अभिकर्ता हों, यह पूर्व से ही सुनिश्चित कर लें। प्रत्येक चक्र की गणना के बाद परिणाम की सत्यापित प्रतिलिपि रिटर्निंग आफिसर से लें। मतगणना स्थल को तब तक न छोड़ें, जब तक कि मतगणना का काम पूरा न हो जाए। प्रमाण पत्र में यह सुनिश्चित करने की सब जानकारी सही है या नहीं।

प्रशिक्षण के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सभी उम्मीदवारों और उनके अभिकर्ताओं को मतगणना से जुड़ी जानकारी दी गई है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सरकार बन रही है। अधिकारियों की सूची बनवाए जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संविधान सर्वोपरि है और संविधान के अनुसार जो अधिकारी-कर्मचारी काम नहीं करते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी ही चाहिए। सभी अधिकारी-कर्मचारी एक जैसे नहीं हैं। कइयों ने भाजपा सरकार के दबाव के बावजूद नियम अनुसार काम किया है।