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BJP: विकास यात्राओं के बाद बूथ सशक्तिकरण पर जोर
मध्यप्रदेश में अब राजनीतिक दल चुनावी मोड में आते जा रहे हैं। भाजपा व कांग्रेस दोनों ने ही अब आदिवासियों को साधने के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को साधने पर फोकस कर लिया है। भाजपा के संगठन मंत्री बी.एल. संतोष ने दिल्ली में मध्यप्रदेश से जुड़े भाजपा संगठन और सत्ता के नेताओं की क्लास लेते हुए पूरी मुस्तैदी से विकास योजनाओं के बाद बूथ सशक्तीकरण पर काम करने की नसीहत दी। यहां की राजनीति में अचानक ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बीच वार-पलटवार की राजनीति प्रारंभ हो गई है तो ‘कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना‘ की शैली में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी के मुद्दे पर सरकार के लिए असहज स्थितियां पैदा कर रही हैं। अब शिवराज सरकार उमा भारती सरकार की शराब नीति अपनाकर ही पलटवार करने की तैयारी कर रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मध्यप्रदेश में उन सीटों को चिन्हित कर रहे हैं जहां पूर्व में समाजवादियों का प्रभाव रहा है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि अब आने वाले समय में वार-पलटवार की राजनीति और सघन होती जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने बीते गुरुवार को दिल्ली में प्रदेश से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और संगठन से जुड़े अन्य नेताओं की राजनीतिक क्लास लगाई। दिल्ली में नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन के लोकार्पण अवसर पर पहुंचे इन दिग्गज नेताओं से बी.एल. संतोष ने दो टूक शब्दों में कहा कि बूथ सशक्तीकरण पर जोर देने की जरुरत है। पांच फरवरी से प्रारंभ हो रही विकास यात्राओं में सत्ता व संगठन अंतिम छोर तक के व्यक्तियों से मैदान में जाकर राज्य सरकार की उपलब्धियों को ले जायें, लेकिन इसके बाद बूथ सशक्तीकरण के काम में भिड़ना भी जरुरी है। इस अवसर पर शिवराज ने प्रदेश में 5 फरवरी से शुरू होने वाली विकास यात्राओं की जानकारी दी। संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करते हुए बी.एल. संतोष ने सरकार की उपलब्धियों वाले कामों का प्रचार करने की नसीहत देते हुए यह भी हिदायत दी कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूरी तरह से मैदान में सक्रिय हो जायें। 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर से भगवाई चमक-दमक तेज होती जाए इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब लाडली बहना योजना के माध्यम से महिलाओं का एक बड़ा वोट बैंक भाजपा के पक्ष में तैयार करने की पहल प्रारंभ कर दी है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च से लाडली बहना योजना के लिए घर-घर जाकर सरकार फार्म भरवायेगी। इस योजना के तहत लाडली बहनों को एक-एक हजार रुपये हर महीने दिए जायेंगे और इस योजना पर हर साल 12 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना का ऐलान शिवराज ने विदिशा में किसानों के बैंक खातों में सिंगल क्लिक से किसान कल्याण योजना की राशि स्थानांतरित करने वाले समारोह में की। उन्होंने साफ किया कि सरकार गांव-गांव और वार्ड-वार्ड जाकर लाडली बहना के आवेदन भरवायेगी। इससे महिलाओं को अपना परिवार मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा का कहना है कि एक समय था जब लोगों को योजना का लाभ नहीं मिलता था, लेकिन आज हमारी सरकार में व्यक्ति को घर-घर जाकर पूछा जा रहा है कि उन्हें लाभ मिला या नहीं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़ते हुए कहा कि प्रदेश विकास के मार्ग पर चल पड़ा है और मध्यप्रदेश की सरकार गांव, गरीब व किसान को समर्पित है।
शिवराज और कमलनाथ की सियासत
शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उनसे पूछा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में प्रधानमंत्री पैसा दे रहे थे तब कमलनाथ जी आप पात्र किसानों की सूची लटकाते रहे, अगर सभी किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 6000 रुपये आते तो आपका क्या बिगड़ता। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन्होंने सूची अपूर्ण दी और मांगने पर भी नहीं दी। जब हमारी सरकार बनी तो सूची को पूर्ण किया गया जिससे 80 हजार किसान इस योजना से जुड़ गए हैं, कमलनाथ को यह बताना चाहिए कि नाम जोड़े क्यों नहीं गये, आपको क्या तकलीफ थी। एक और सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि आपने कहा था कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान तीन दिन के अंदर किसान जैसा चाहेगा वैसा कर दिया जायेगा, भुगतान करना तो दूर रहा आपने तो खरीदी तक पूरी नहीं की। मैं सवाल इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि कमलनाथ झूठ बोलते हैं और कांग्रेस झूठे वायदे करती है ताकि सनद रहे कि यह जो बोलते हैं वह नहीं करते। अब बारी थी कमलनाथ की सवाल दागने की, उन्होंने भी शिवराज के सवाल पर दो सवाल कर डाले। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी आज दो सवाल पूछने से पहले यह तो बता देते कि कल सवाल कम पड़े गये थे या हिम्मत जवाब दे गयी थी, मेरा सीधा सवाल है कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि में लाखों किसानों के पास पैसा वापस करने के नोटिस क्यों आ रहे हैं, क्या आपने किसानों को जानबूझकर कर्ज के जाल में फंसा देने के लिए यह चाल चली है, क्या इस रकम की रिकवरी किसानों से न कराकर आप अपनी जेब से करेंगे। उन्होंने दूसरा सवाल पूछा कि मैंने किसानों को गेहूं पर 160 रुपये बोनस दिया था आपकी सौदेबाजी की सरकार बनते ही आपने किसानों का बोनस बंद कर दिया। किसानों से आपको इतनी दुश्मनी क्यों है। इसका जवाब प्रदेश के किसान आपसे चाहते हैं।
और यह भी
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इन दिनों लोग शराब न पियें को लेकर एक अभियान छेड़े हुए हैं और इसकी अगली कड़ी में उन्होंने ओरछा पहुंचकर शराब दुकान के सामने प्रदर्शन किया। यहां उन्होंने गौपूजन कर दुकान के सामने सात गायों को बांध दिया और स्वयं अलाव जलाकर बैठ गईं। हालांकि कुछ देर बाद वे उठ कर चली गईं। उनका कहना था कि वह शराब नहीं दूध पियो का नारा देने पहुंची हैं। शराब से भारी राजस्व मिलने व उससे सरकार चलाने के सवाल पर उनका कहना था कि यह बिलकुल वैसा ही है जैसे एक माॅ बच्चे का खून पीकर जिन्दा रहती है। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियां शराब में बह जाती हैं। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा है कि विधानसभा के बजट सत्र में 15 मंत्रियों के खिलाफ कांग्रेस आरोप पत्र लेकर आयेगी। उनका कहना था कि एक महीने के बजट सत्र में केवल 13 बैठकें होंगी, सरकार गुमराह करने की कोशिश कर रही है क्योंकि इन 13 दिनों में से भी 10 दिन बजट चर्चा में ही निकल जायेंगे। पटवारी ने प्रदेश के आर्थिक हालात पर भी सरकार से जवाब देने की मांग करते हुए कहा कि पिछले सत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दिया था जिसका उन्होंने सदन में जवाब नहीं दिया, इसलिए बजट सत्र में वह आरोप पत्र भी वे सदन में रखेंगे।