रामेंद्र सिन्हा की विशेष रिपोर्ट
Ayodhya : उत्तर प्रदेश (UP) की गोसाईगंज विधानसभा सीट से BJP MLA इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को कोर्ट ने फर्जी मार्कशीट (Fake Marksheet) में 5 साल की सजा सुनाई।
29 साल पहले साकेत महाविद्यालय में अंक पत्र व बैक पेपर में कूट रचित दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी व हेराफेरी करने के मामले में MLA (विधायक) के साथ ही छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व सपा नेता फूलचंद यादव और चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपानिधान तिवारी पर सोमवार को अपराध साबित होने पर MP/MLA कोर्ट ने उन्हें दोषी माना।
विशेष न्यायाधीश (MP /MLA court) पूजा सिंह ने BJP MLA इन्द्रप्रताप तिवारी (खब्बू) सहित तीनों आरोपितों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई। सभी पर 19 हजार रुपए का जुर्माना (Fine) भी किया गया। court के फैसले के बाद तीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया गया।
यह मामला अयोध्या के थाना राम जन्मभूमि का 1992 का है। 14 फरवरी 1992 में साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय में फर्जी अंक सूची के आधार पर प्रवेश प्राप्त करने का मामला सामने आया था। इनमें फूलचंद यादव (BSc First Year) की परीक्षा 1986 में अनुत्तीर्ण रहने और बैक पेपर परीक्षा के बाद भी BSc (Second Year) में प्रवेश पाने के योग्य नहीं थे।
परंतु, विश्वविद्यालय (University) की और से बैक पेपर परीक्षाफल (Result) ने हेरफेर करके उन्होंने धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आधार पर उत्तीर्ण (Pass) होने की Mark Sheet प्राप्त कर ली थी।
इसी प्रकार इंद्रप्रताप तिवारी ने BSc (Second Year) की परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद BSc (Third Year) और कृपानिधान तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में LLb (First Year) में फेल होने के बावजूद छल कपट कर LLb (Second Year) में प्रवेश प्राप्त कर लिया। इन लोगों ने महाविद्यालय में छल व धोखाधड़ी के आधार पर प्रवेश प्राप्त कर लिया था।
साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी के संज्ञान में जब यह मामला आया, तब 18 फरवरी 1992 को उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर इन तीनों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने के लिए कहा गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थाना राम जन्मभूमि को मामले में FIR दर्ज कर कानूनी कार्यवाही का आदेश दिया। इसी के साथ इंद्र प्रताप तिवारी, छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फूलचंद यादव व चाणक्य परिषद के अध्यक्ष कृपानिधान तिवारी के विरुद्ध 24/ 1992 अंतर्गत धारा 420 467 468 471 के तहत दर्ज किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान तीनों के खिलाफ आरोप पत्र संबंधित अदालत में प्रस्तुत किया। अदालत में सुनवाई के दौरान College के तीन कर्मचारियों महेंद्र कुमार अग्रवाल सहित कई गवाह संबंधित MP-MLA Court में गवाह के रूप में पेश हुए। इन गवाहों के बयान के आधार पर court की विशेष न्यायाधीश पूजा सिंह ने तीनों को दोषी पाया।
इसके बाद इन तीनों को धारा 420 में 3 साल की सजा और 6 हजार जुर्माना, 468 में 5 साल की सजा और 8 हजार जुर्माना और धारा 471 में 2 साल की सजा और 5 हजार के जुर्माने से दंडित किया। तीनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।