BJP President Election: प्रदेश अध्यक्ष की कवायद शुरू, शेष बचे 5 जिलाध्यक्षों को लेकर नेताओं में खींचतान!

केन्द्रीय मंत्री नही बनवा सके अपना पसंदीदा जिलाध्यक्ष

697
Countdown Begins
BJP Leaders not Happy

BJP President Election: प्रदेश अध्यक्ष की कवायद शुरू, शेष बचे 5 जिलाध्यक्षों को लेकर नेताओं में खींचतान!

रामानंद तिवारी की खास रिपोर्ट 

भोपाल। मध्यप्रदेश के बड़े महानगरों में शुमार इंदौर सहित चार जिलाध्यक्षों की घोषणा को लेकर घमासान मचा हुआ हैं। केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक अपने पसंदीदा नेता को जिलाध्यक्ष बनवाने में असफल रहे । शनिवार को संगठन ने टीकमगढ़ का जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया। संगठन चुनाव की जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले नेता इंदौर के जिलाध्यक्ष को लेकर माथापच्ची में जुटे हुए है। लेकिन इंदौर, छिंदवाड़ा और अन्य तीन स्थान के जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर स्थिति ऐसी बन रही है कि “ जबरा मारे और रोने भी ना दे ” ।

 *7 महिलाओं को बनाया जिलाध्यक्ष* 

भाजपा ने अब तक जिन 56 जिलाध्यक्षों का ऐलान किया है। उनमें मात्र 7 महिलाएं हैं,जब कि संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल पास हुआ है।

 *57 जिलाध्यक्षों की हो चुकी घोषणा,5 अभी भी अटके* 

भाजपा ने अब तक 57 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। अभी 5 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा होना बाकी है। इसमें इंदौर जिला भी शामिल हैं। दरअसल,जिन जिलों के अध्यक्षों की घोषणा नहीं हुई है वहां के नेताओं में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। जानकारों का कहना है इन जिलों के नेता अपने।अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने पर अड़े हुए हैं।

*टीकमगढ़ में नहीं चली केन्द्रीय मंत्री की* 

शनिवार को टीकमगढ़ जिले का अध्यक्ष सरोज राजपूत को बना दिया गया है। उसके बाद अटकलोे का दौर स्वतः ही समाप्त हो गया है। राजपूत को बनाए जाने के लिए संगठन तत्पर था लेकिन केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक क्षेत्रीय सांसद होने अपने पसंदीदा जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विवेक चतुर्वेदी को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते थे। लेकिन संगठन के आगे खटीक बौने नजर आए।

*पांच जनवरी तक होना था,अब तक नही बन सके सभी जिलाध्यक्ष* 

संगठन चुनाव की गाइड लाइन के अनुसार जिलाध्यक्षों का चुनाव 5 जनवरी तक किया जाना था। लेकिन अभी भी इंदौर शहर, इंदौर ग्रामीण, नरसिंहपुर, निवाड़ी और छिंदवाड़ा में जिलाध्यक्षों की घोषणा होना बाकी है। हालांकि अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कोई अडचन नहीं है। इसके लिए जरूरी जिलों से ज्यादा में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बाकी बचे हुए जिलों में जिलाध्यक्षों को लेकर अलग अलग कयास लगाए जा रहे हैं। इंदौर ग्रामीण में चिंटू वर्मा के रिपीट होने, नरसिंहपुर में महिला को जिले की कमान मिलने की संभावना है। वहीं, इंदौर ग्रामीण में जिलाध्यक्ष घोषित न होने की वजह से शहर की भी घोषणा अटकी है। इधर, छिंदवाड़ा में सांसद विवेक बंटी साहू नया चेहरा चाहते हैं।

*जिलों में जारी है शह-मात का खेल* 

प्रदेश के जिन पांच जिलों में पेंच फंसा है वहां कई नेता आमने.सामने हैं। छिंदवाड़ा में विवेक बंटी साहू के सांसद बनने के बाद शेषराव यादव कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। इस बार उनके रिपीट होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। जिन जिलों में मौजूदा अध्यक्ष रिपीट हुए है उनके साथ छिंदवाड़ा की भी घोषणा होना थी, लेकिन सांसद साहू के कारण पेंच फंस गया। वे जिले में नया अध्यक्ष चाहते है। नरसिंहपुर में पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह अपने अपने करीबियों को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए ताकत लगा रहे है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार नरसिंहपुर में किसी महिला को मौका दिया जा सकता है। यहां शिरोमणि चौधरी और चीना ओसवाल के नाम चल रहे हैं। निवाड़ी में पूर्व मंत्री सुनील नायक के चचेरे भाई गणेशी लाल नायक का नाम लगभग तय हो चुका है। इंदौर ग्रामीण में वर्तमान जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के रिपीट होने की संभावना है। हालांकि, टीनू जैन भी रेस में बराबरी से दौड़ रहे हैं। यहां जिलाध्यक्ष के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, विधायक मनोज पटेल से लेकर ऊषा ठाकुर तक अपने अपने करीबियों के नाम बढ़ा चुके हैं। ग्रामीण के लिए सहमति न बन पाने के चलते अब तक शहर जिलाध्यक्ष भी घोषित नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है कि इंदौर ग्रामीण में कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट की राय अलग अलग है। सिलावट का हस्तक्षेप इंदौर शहर में नहीं है। लेकिन ग्रामीण में वे अपनी पसंद चाहते हैं। उनके साथ कुछ और नेता. विधायक भी शामिल हो गए हैं।