खजुराहो में भाजपा अध्यक्ष वीडी के पास जीत का रिकार्ड बनाने का मौका
दिनेश निगम ‘त्यागी’ की विशेष राजनीतिक रिपोर्ट
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में खजुराहो लोकसभा सीट से 4 लाख 92 हजार वोटों के अंतर से तब बड़ी जीत दर्ज की थी जब वे क्षेत्र के लिए बिल्कुल नए थे और उनके सामने कांग्रेस के तत्कालीन विधायक विक्रम सिंह नातीराजा की पत्नी कविता राजे सिंह मैदान में थीं। वीडी तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं थे। इस बार कांग्रेस ने खजुराहो सीट समझौते में समाजवादी पार्टी को सौंप दी है। सपा यह सीट सिर्फ इसलिए चाहती थी क्योंकि यह क्षेत्र उत्तरप्रदेश से सटा है। कभी चंदला विधानसभा सीट से उसके विधायक जीतते रहे हैं। विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की कुछ सीटों में पार्टी को अच्छे वोट मिलते हैं। मुलायम सिंह यादव के समय से ही सपा की कोशिश बुंदेलखंड के इस हिस्से में अपना आधार मजबूत करने की रही है। सपा प्रमुख अिखलेश यादव के प्रयास से पहली बार कांग्रेस ने पार्टी की मंशा पूरी की है और खजुराहो सीट सपा को दे दी है। इस एक निर्णय से वीडी को जीत का रिकार्ड बनाने का सुनहरा मौका मिल गया है।
0 ज्यादा अंतर से जीतने वाले चौथे प्रत्याशी थे वीडी
– 2019 के चुनाव के िरकार्ड में भाजपा के वीडी शर्मा की खजुराहो से जीत चाैथे नंबर पर दर्ज है। जीत का रिकार्ड हाेशंगाबाद से भाजपा के राव उदय प्रताप सिंह ने बनाया था। उन्होंने अपने निटकतम प्रतिद्वंद्वी को 5 लाख 53 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले दूसरे प्रत्याथी थे इंदौर से भाजपा के शंकर लालवानी। उन्होंने 5 लाख 47 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया था। 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीतने वाले तीसरे प्रत्याशी थे विदिशा के रमाकांत भार्गव। इनकी जीत का अंतर 5 लाख 3 हजार से ज्यादा था। चौथी बड़ी जीत वीडी शर्मा ने खजुराहो से दर्ज की थी। शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 4 लाख 92 हजार से ज्यादा अंतर से हराया था। राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि इस बार वीडी जीत का रिकार्ड अपने नाम दर्ज करा सकते हैं।
0 विकास, संगठन और सक्रियता ने बढ़ाई ताकत
– खजुराहो से सांसद बनने के बाद वीडी शर्मा की ताकत लगातार बढ़ी। इसके बाद ही वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और प्रदेश के साथ खजुराहो क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने पर खास ध्यान दिया। खजुराहो विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां के विकास में उन्होंने पूरी ताकत झोंकी। वीडी थे तो प्रदेश अध्यक्ष लेकिन खजुराहो क्षेत्र पर हमेशा ध्यान केंद्रित रखा। वे लगातार क्षेत्र का दौरा करते रहे। उनकी सक्रियता का ही नतीजा है कि खजुराहो लोकसभा क्षेत्र की एक भी विधानसभा सीट कांग्रेस नहीं जीत सकी, जबकि पिछली बार छतरपुर और पन्ना में कांग्रेस के एक-एक विधायक थे। इन कारणों से वीडी के ज्यादा अंतर से जीतने के हालात बने हैं।
0 सपा सिर्फ मुस्लिम, यादव मतदाताओं के भरोसे
– समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने समझौते में खजुराहो सीट दे भले दी है लेकिन पार्टी का वोट सपा को मिलेगा, इसकी संभावना कम है। ऐसी स्थिति में सपा अपने परंपरागत मुस्लिम और यादव समाज के मतों के भरोसे रहेगी। क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद बहुत ज्यादा नहीं है। यादव मतदाताओं की संख्या काफी है लेकिन मप्र के ये मतदाता अखिलेख यादव के कारण सपा में जाएंगे या इन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का असर होगा, ये देखने लायक होगा। अलबत्ता यदि सपा ने यादव प्रत्याशी उतारा तो उसे समाज का होने का लाभ मिल सकता है। लेकिन यह तादाद ऐसी नहीं होगी कि सपा वीडी शर्मा के मुकाबले में आ सके। इससे भी वीडी को रिकार्ड बनाने में मदद मिल सकती है।
0 तीन जिलों में फैली है खजुराहो लोकसभा सीट
– खजुराहो वैसे तो बुंदेलखंड में है लेकिन इस संसदीय का क्षेत्र महकौशल तक है। इसके तहत तीन जिलों की आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें छतरपुर जिले की दो, पन्ना और कटनी जिले की तीन-तीन विधानसभा सीटें शामिल हैं। कटनी महाकौशल का हिस्सा है जबकि छतरपुर और पन्ना बुंदेलखंड का। खास बात यह है कि सभी विधानसभा सीटों में भाजपा का कब्जा है। लोकसभा के चुनाव में इसका लाभ भी वीडी शर्मा को मिलेगा। विश्लेषक मानते हैं कि यदि चुनाव व्यवस्थित लड़ा गया तो इस बार जीत के मामले में वीडी देश के अंदर अपना रिकार्ड बना सकते हैं।