BJP Social Media New Guidelines: बीजेपी ने पदाधिकारियों के लिए सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन तय की

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BJP Social Media New Guidelines: बीजेपी ने पदाधिकारियों के लिए सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन तय की

भोपाल: भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर जिला अध्यक्षों तक की टीम को अब सोशल मीडिया में पहले से अधिक एक्टिव रहना होगा। यह एक्टिविटी भी सिर्फ अपना या परिजनों का जन्मदिन मनाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। जो भी कार्यकर्ता पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे हैं वे पार्टी के कार्यक्रमों और वरिष्ठ नेताओं द्वारा संगठन की मजबूती के लिए तय की गई गाइडलाइन को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। यह सोशल मीडिया में दिखना भी चाहिए।

बीजेपी संगठन ने आने वाले चुनाव की तैयारियों के लिए पदाधिकारियों की खातिर यह नई गाइडलाइन तय की है। इसकी समीक्षा भी अगले तीन माह में की जाएगी और संगठन देखेगा कि कौन से जिला अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारी किस हद तक सक्रिय हुए हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों के जरिये साफ कर दिया है कि जो भी पदाधिकारी हैं, उनकी यह जिम्मेदारी है कि अगर सोशल मीडिया में पार्टी या सरकार के विरुद्ध कुछ बयान या जानकारी वायरल की जा रही है तो उस पर पलटवार करें। सिर्फ मौज-मस्ती वाले टूर या परिजनों के जन्मदिन तक सीमित नहीं रहें। क्षेत्र के हर वर्ग के साथ जुड़ाव स्थापित करें और इसे सोशल मीडिया के जरिये सभी तक पहुंचाएं।

इन्हें यह भी कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकार जितना काम समाज के सभी वर्गों के लिए कर रही है, उतनी जानकारी सभी तक नहीं पहुंच रही है। इसलिए वे अपने क्षेत्र की ऐसी बस्तियों को चिन्हित कर लें। वहां सरकार की हितग्राहीमूलक योजनाओं के पात्र हितग्राहियों की लिस्ट निकलवाएं और जिन्हें पात्रता के बाद भी लाभ नहीं मिला है, उसे लाभ दिलाने के लिए अफसरशाही पर तब तक दबाव बनाएं जब तक कि वह लाभान्वित न होने लगे।

संवेदना का भाव दिखे काम में
संगठन ने पदाधिकारियों को यह भी कहा है कि पदाधिकारी होने के नाते सिर्फ पार्टी कार्यक्रम को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी ही नहीं है। पदाधिकारियों की योजनाओं को लेकर संवेदना भी होनी चाहिए और संवाद और क्रियान्वयन कराने में इसकी झलक साफ दिखाई देनी चाहिए।

सरपंच और पार्षद का पक्षपात प्रभावी न हो
जिलों में जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों को यह जिम्मेदारी भी निभानी होगी कि अगर किसी पार्षद या सरपंच द्वारा इसलिए योजना का लाभ दिलाने में पक्षपात किया जाता है कि फलां व्यक्ति ने उसे वोट नहीं दिया है तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलने देंगे, तो इसे रोकना होगा। पार्टी के लिए सभी समाज, धर्म, वर्ग के लोग समान हैं। इन्हें लाभ दिलाने के लिए काम करना है।

फालोवर्स बढ़ाने में जुटे जिला अध्यक्ष
पिछले दिनों हुए तीन दिनी प्रशिक्षण के दौरान भाजपा के जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा-प्रकोष्ठ संयोजक व अध्यक्षों को कहा गया था कि जिन्हें पदाधिकारी बनाया गया था, उनके सोशल मीडिया में फालोवर्स नाममात्र नहीं होने चाहिए। अगर सौ, दो सौ-हजार फालोवर्स हैं भी तो वह कोई मायने नहीं रखता और पार्टी के कैडर और लोकप्रियता के हिसाब से ठीक नहीं माना जा सकता। इसलिए सभी अपने फालोवर्स बढ़ाएंगे। इसके बाद अब जिला अध्यक्षों ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर अपने फालोवर्स बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए संवाद और संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।