BJP Worried Due to Fear of Low Turnout : कम मतदान की आशंका से भाजपा में घबराहट, देर रात बैठक!
सुमित्रा महाजन के बयान के बाद पार्टी में जीत का अंतर ज्यादा घटने के कयास!
देखिए VDO : किस भाजपा नेता ने क्या कहा!
Indore : इस संसदीय क्षेत्र में 8 दिन पहले हुए ‘राजनीतिक बम कांड’ के बाद कांग्रेस से ज्यादा घबराहट भाजपा में है। पार्टी को आशंका है कि इस घटना के बाद मतदाताओं में मतदान के प्रति उत्साह कम हुआ है और इस वजह से मतदान का प्रतिशत बुरी तरह गिरेगा। जब मतदान का प्रतिशत गिरेगा तो इसका सीधा असर भाजपा की जीत की लीड पर आएगा। इसी मुद्दे को लेकर रविवार देर रात भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें मतदान कैसे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा की गई। कहा जा रहा है कि इसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भी वर्चुअली जुड़े, पर भाजपा नेताओं ने इस बात को टाल दिया।
भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी ने पिछला चुनाव साढ़े 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीता था जो देश में सर्वाधिक अंतर से जीता गया चुनाव था। इस बार कैलाश विजयवर्गीय ने एलान किया था कि इस बार शंकर लालवानी 8 लाख वोटों से चुनाव जीतेंगे। लेकिन, कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम ने जिन हालातों में अपना नामांकन परचा वापस लिया और वे भाजपा में शामिल हुए, उसका मतदाताओं में अच्छा संदेश नहीं गया। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे भाजपा का हाथ माना जा रहा है। कांग्रेस ने भी मतदाताओं से ‘नोटा’ में वोट डालने की अपील की है। बदली परिस्थितियों और गर्मी की वजह से पूरे आसार हैं कि मतदान का प्रतिशत बुरी तरह गिरेगा और इससे भाजपा जिस अंतर से जीत का दावा कर रही है वो भी कम होगा। शायद पिछली बार से भी कम।
जीत का अंतर घटने की आशंका से घबराहट
अभी तक भाजपा का दावा था कि पिछले चुनाव की साढे 5 लाख की लीड को आगे बढ़ाया जाएगा। लेकिन, बम कांड के बाद लीड घटना लगभग तय माना जा रहा है जो भाजपा की सबसे बड़ी चिंता है। अब कयास लगाए जा रहे हैं यह सब क्यों और किस लिए किया गया? यही कारण है कि इस घटना को लेकर भाजपा में घबराहट है। जो मतदाता इस घटना को सही नहीं मानते वे घर से निकलकर मतदान करने की भी जहमत नहीं उठाएंगे। जहां तक कांग्रेस समर्थित मतदाताओं की बात है, तो वे या तो ‘नोटा’ में वोट डालेंगे या मतदान नहीं करेंगे। दोनों ही स्थितियों में भाजपा को नुकसान है। इस मुद्दे को लेकर रविवार देर रात भाजपा कार्यालय में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई और इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया गया कि वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए क्या किया जाए!
सुमित्रा महाजन के बयान के बाद चिंता बढ़ी
यह मुद्दा अचानक इसलिए गंभीर हुआ कि आठ बार की सांसद और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी बम कांड की आलोचना की। उन्होंने साफ़ कहा कि मेरे पास कई लोगों के फोन आ रहे हैं कि हम ‘नोटा’ में वोट डालेंगे। उनका यह भी कहना था कि भाजपा को यह करने की जरूरत ही क्या थी, यह क्यों किया गया यह मुझे भी समझ में नहीं आया। इस बयान के बाद अचानक इस बैठक की जरूरत महसूस की गई। जबकि, अभी तक किसी बैठक में सुमित्रा महाजन को बुलाया तक नहीं। पर, आनन फानन में हुई इस बैठक में उन्हें बुलाया गया। इस बहाने सुमित्रा महाजन ने अपनी ताकत भी बता दी।
रविवार देर रात तक हुई बैठक में कई नेता शामिल हुए जिनमें सुमित्रा महाजन, जगदीश देवड़ा, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट के अलावा सभी स्थानीय नेता इस बैठक में शामिल हुए और मतदान बढ़ाने के मुद्दे पर बातचीत की। बाद में जगदीश देवड़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज हमारी बैठक मतदान बढ़ाने को लेकर हुई। इसके अलावा किसी मुद्दे पर हमारी चर्चा नहीं हुई। सुमित्रा महाजन ने भी मीडिया से कहा कि पिछली बार इंदौर मतदान में पीछे था, इस बार इंदौर को मतदान में आगे लाना है। इसी मुद्दे को लेकर बातचीत की गई। ज्यादातर नेताओं ने मीडिया से बातचीत करने को टाला। लेकिन, इस पूरी कवायद से एक बात तो साफ़ हो गई कि भाजपा में भी मतदान करने को लेकर घबराहट है।