नर्मदापुरम जैसे सांसद से विधायक बने क्षेत्रों में रायशुमारी बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा टिकिट
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की विशेष राजनीतिक रपट
भोपाल/नर्मदापुरम। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। तीन अलग-अलग बैठकों में प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजक शामिल हुए। प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह की इस बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। पर वे करीब आधे घंटे बैठक में रहने के बाद उज्जैन के लिए रवाना हो गए। इसके बाद वीडी शर्मा, डॉ. महेंद्र सिंह, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने लोकसभा कैंडिडेट्स के नामों पर मंथन किया। भाजपा से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि पार्टी नर्मदापुरम नरसिंहपुर, मुरैना, सीधी और छिंदवाड़ा में सबसे पहले उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी में है। सांसद से विधायक बने पार्टी नेताओं की सीट पर उम्मीदवार के चयन का निर्णय अब केंद्रीय नेतृत्व करेगा। ज्ञात रहे कि नरेंद्र सिंह तोमर (मुरैना), राकेश सिंह (जबलपुर), राव उदय प्रताप सिंह (होशंगाबाद), रीति पाठक (सीधी), प्रहलाद सिंह पटेल (दमोह ) सांसद से विधायक बने हैं। ज्ञात रहे कि लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर बुधवार देर रात सी एम हाउस में भी मंथन हुआ था।
मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह व सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के साथ 2 घंटे तक लंबी चर्चा की थी। तब इस बैठक में भी यही तय हुआ था कि जिन लोकसभा सीटों पर सहमति नहीं बनी है, वहां के लिए रायशुमारी कराई जाएगी। प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के अलावा संगठन के मुख्य पदाधिकारी लोकसभा क्षेत्र के विधायकों, जिलाध्यक्षों और संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा कर जिताऊ और सर्वमान्य नाम खोजेंगे। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, विदिशा, गुना,नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, मुरैना, सीधी, रीवा और सतना सीट के लिए भी उच्च स्तर पर फिर रायशुमारी होनी है। ज्ञात रहे कि इनमें से कुछ क्षेत्रों में क्षेत्रीय संगठन स्तर पर रायशुमारी हो भी चुकी है। इनमें एक नाम नर्मदापुरम का भी है। जिस पर आज हम हर दृष्टि से, सभी तरह की संभावनाओं को समेटकर समीक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि पिछले दिनों नर्मदापुरम में क्षेत्रीय स्तर पर रायशुमारी हुई थी, जिसमें प्रदेश संगठन की तरफ से अर्चना चिटनिस प्रमुख रूप से शरीक हुई थीं। करीब 400 भाजपा पदाधिकारियों व पार्टी द्वारा तय गाइड लाइन अनुसार क्षेत्र के वांछित भाजपा नेताओं से लिखित रूप में उनकी राय ली गई थी।
जिसमें उनको प्राथमिकता के आधार पर तीन नाम लिखकर देने को कहा गया था। इस रायशुमारी में,जानकारों,भाजपा से जुड़े सूत्रों और भाजपा गलियारों की जनचर्चा अनुसार जो नाम प्रमुखता से उभरे, उनमें पूर्व संगठन मंत्री और पूर्व निगम अध्यक्ष जितेंद्र लिटोरिया,पूर्व मंत्री कमल पटेल,जिला भाजपा अध्यक्ष माधवदास अग्रवाल,मध्यप्रदेश तैराकी संघ अध्यक्ष पीयूष शर्मा,महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारणी सदस्य डा.हेमा संदेश पुरोहित और पूर्व विधायक जालम सिंह पटेल के नाम तब से अब तक भी भाजपा गलियारों में प्रमुख रूप से सबकी चर्चाओं में बने हुए हैं। यह माना जा रहा है कि रायशुमारी में प्रमुखता से तो ये 6 नाम ही अलग अलग प्राथमिकता के क्रम में लिखे गए हैं। हालांकि अन्य करीब एक दर्जन अन्य नाम जैसे तीन पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह, साधना स्थापक,सविता दीवान,नरसिंहपुर जिला भाजपा अध्यक्ष अभिलाष मिश्रा,प्रदेश कार्यकारणी सदस्य संतोष पारीक आदि द्वारा टिकिट मांगने की बात भी सामने आई है। अब इस रायशुमारी को देखने के बाद,पार्टी किसे, किस आधार पर टिकिट देगी यह कोई दावे से नहीं कह पा रहा। हाल ही में माया नारोलिया का नाम राज्यसभा के लिए पार्टी द्वारा तय कर सबको चौंका देने के बाद तो यह अनिश्चितता और अधिक बढ़ गई है। ज्ञात रहे कि माया नारोलिया का नाम लोकसभा प्रत्याशी के रूप में भी रायशुमारी में सामने आया था।
अब जातिगत आधार पर बात करें तो लोकसभा क्षेत्र के 8 में से 5 विधायक और एक राज्य सभा सदस्य के भी पिछड़ा वर्ग से आने से तो इस बात की संभावना बहुत बढ़ गई है कि इस बार भाजपा आलाकमान सामान्य वर्ग से प्रत्याशी चुन सकता है। इसमें भी ब्राम्हण और वैश्य वर्ग का क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता रहा है। हालांकि इस लोकसभा क्षेत्र में कभी भी जातिगत आधार पर मतदान नहीं हुआ। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र के मतदाता प्रायः केंद्र में सत्तारूढ़ होने वाली पार्टी के साथ ही जाना पसंद करते रहे हैं। अब अलग अलग प्रत्याशियों की बात करें तो जितेंद्र लिटोरिया संघ के कुछ नेताओं के समर्थन के कारण मजबूत दावेदार दिख रहे हैं। उसी तरह पूर्व मंत्री और भाजपा के नामचीन नेता कमल पटेल का दावा भी संघ के आंगन से दिल्ली के भाजपा के गलियारों तक उनकी मजबूत पकड़ के चलते मजबूत लग रहा है। वहीं यदि पार्टी ने इस बार युवा चेहरे पर दांव लगाना तय किया तो नर्मदापुरम जिला अध्यक्ष माधवदास अग्रवाल,जिनको प्रदेश संगठन भी उनकी कार्यशैली,कर्मठता के कारण बहुत पसंद करता है,को अवसर मिल सकता है। हालांकि पीयूष शर्मा भी एक ऐसा ही युवा चेहरा भाजपा के पास ब्राम्हण वर्ग से है,जिस पर पार्टी दांव लगा सकती है। उनके चाचा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा इस बार छटवी बार विधायक बने हैं और एक अन्य चाचा पूर्व विधायक गिरीजाशंकर शर्मा भी दो बार भाजपा के विधायक,जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हालांकि आजकल वे कांग्रेस में हैं। शर्मा परिवार का संपूर्ण जिले में अच्छा खासा प्रभाव हमेशा रहा है। वहीं यदि पार्टी की ब्राम्हण और महिला दोनों वर्ग को एक साथ प्रतिनिधित्व देने की मंशा हुई तो फिर डा.हेमा संदेश पुरोहित के नाम पर भी गंभीरता से विचार हो सकता है। ज्ञात रहे कि संदेश पुरोहित विगत तीन दशकों से भाजपा के क्षेत्र के एक पूर्णकालिक समर्पित नेता के रूप में प्रदेश के प्रमुख भाजपा नेताओं की पसंद रहे हैं। जिस कारण उनको हर चुनाव में पार्टी एक बड़ी जिम्मेदारी देती रही है। इस बार भी वे लोकसभा संयोजक बनाए जा चुके हैं। महिला सशक्तिकरण और लाड़ली बहना को विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत का एक प्रमुख कारण माना भी जा चुका है। अतः यदि प्रदेश में 29 में से 20 फीसदी टिकिट भी यदि महिलाओं को देने पर विचार हुआ तो उन 6 सीटों में नर्मदापुरम भी शामिल हो सकता है। वहीं पूर्व विधायक जालम सिंह पटेल की राह में भी पीयूष शर्मा की तरह ही प्रदेश केबिनेट मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के परिवार से होना बाधक बन सकता है। पूर्व विधायक साधना स्थापक,सविता दीवान विधान सभा चुनाव के समय हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शरीक हुई हैं। वहीं पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह के भाई विजयपाल सिंह वर्तमान में सोहागपुर से विधायक हैं।
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