सितम्बर में निकलेगी बीजेपी की जन दर्शन यात्रा, रूट हुए तय, यात्रा का नाम फाइनल नही
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकास पर्व और जिलों में किए जा रहे रोड शो के समापन के पहले अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव के भाजपा की विजय संकल्प यात्रा की चर्चा पार्टी में तेज हुई है। इसे जनदर्शन यात्रा कहा जाएगा या फिर विजय संकल्प यात्रा नाम मिलेगा, अभी इस पर अंतिम फैसला सामने आना बाकी है लेकिन यह जरूर तय हो गया है कि यात्रा होगी। यह यात्रा पिछले चुनावों के पहले होने वाली जनदर्शन यात्रा के मुकाबले कम समय के लिए होगी लेकिन इसके बाद भी अधिकतम विधानसभा क्षेत्र कवर करने की तैयारी पार्टी ने की है। अलग-अलग स्थानों से शुरू होने वाली इस यात्रा के रूट को लेकर जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी उनमें से अधिकांश ने अपनी रिपोर्ट संगठन को सौंप भी दी है।
इस यात्रा की शुरुआत पांच सितम्बर से होना संभावित है और 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राजधानी के जम्बूरी मैदान में इसका समापन होगा। इसके समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शामिल होने की चर्चा भी पार्टी में है।
सूत्र बताते हैं कि अब तक जो रोडमैप तय हुआ है उसके मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इस जनदर्शन यात्रा या विजय संकल्प यात्रा के प्रमुख चेहरों में शामिल रहेंगे। हालांकि इसमें क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने की बात अब तक साफ नहीं हुई है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि महाकौशल, बुंदेलखंड और विन्ध्य से इस यात्रा को लेकर कोई बड़ा नाम नहीं है। साथ ही एससी-एसटी वर्ग के भी किसी बड़े नेता का नाम यात्रा के अगुआ के तौर पर अब तक सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि यात्रा शुरू करने पर जब भी जो बड़े नेता जिस क्षेत्र में यात्रा में जाएंगे, उस क्षेत्र के स्थानीय नेताओं को जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर तवज्जो दी जाएगी ताकि पार्टी की ताकत को और मजबूत किया जा सके।
जुलाई में शुरू होती रही है यात्रा
इसके पहले 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों के पूर्व सीएम चौहान जनदर्शन यात्रा निकालते रहे हैं और वे अधिकतम विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचने की कोशिश करते रहे। यह यात्रा 15 जुलाई के आसपास शुरू होकर 25 सितम्बर को खत्म होती रही है। इस बार यात्रा को लेकर आम सहमति नहीं बनने से इसमें देरी हुई क्योंकि पार्टी इस चुनाव में किसी एक चेहरे की बजाय सामूहिक नेतृत्व के रूप में यात्रा निकालना चाह रही है।