मुलाकात -133 बार रक्तदान कर चुके रक्तदीप श्री दीपक विभाकर नाईक से
युवाओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ परस्पर प्रेम की ज्योत प्रज्ज्वलित करने वाला वाला दीपक
इंदौर !आइये आज आपकी मुलाक़ात करवाते है एक अनूठे व्यक्तित्व के धनी रक्त दाता दीपक विभाकर नाईक से .जिनके अनुसार रक्तदान श्रेष्ठदान व श्रेष्ठ कर्म है इसे प्रत्येक इंसान को इंसानियत की खातिर अपने जीवन में रक्तदान अवश्य करना चाहिए। इंसान द्वारा दान किया गया रक्त किसी जरूरतमंद व्यक्ति के प्राणों की रक्षा करता है और इससे ज्यादा सुकून की बात किसी रक्तदाता के लिए नहीं हो सकती.हमारे जिस दान से किसी को जीवनदान मिल सकता है तो वह दान सबसे श्रेष्ठ कहलाता है.इसलिए यह पुण्य कार्य कम से कम एक बात तो हरेक व्यक्ति को करना चाहिए .आइये रक्त दान को अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काम मानने वाले दीपक के बारे में बात करते है –
रक्तदीप के नाम से प्रसिद्ध श्री दीपक विभाकर नाईक विगत 33 वर्षों से यथा अंतराल सतत रक्तदान कर रहे है। और अब तक 133 बार रक्तदान कर चुके है। वे अपने अलावा दूसरों को भी प्रेरित करते है .उनके बताये अनुसार
वे अपने सैकड़ों साथियों के माध्यम से 35 हजार से भी अधिक जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्द्ध करवा चुके है।
रक्तदान के प्रति जन चेतना के विनम्र प्रयास निमित्त उनकी वक्त पर रक्त नाम से पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। कोरोना काल में इनके समूह के 137 रक्तदाताओं ने रक्त दान किया था। दीपक और इनकी पत्नी अनन्या ने भी पहले कोरोनो काल में साथ-साथ रक्त दान किया था। और दूसरे कोरोना काल में इन्होंने प्लाज्मा डोनेशन भी किया था।
उनके द्वारा एक समूह के माध्यम से सभी विचारधाराओं के नियमित रक्तदाताओं में युवावर्ग के साथ ही बहुत-सी मातृशक्तियाँ भी जुड़ी हुई है।
इसके इतर ये विभिन्न माध्यमों से भी रक्तदान के प्रति जनचेतना का प्रयास करते है।इसमें स्टीकर, बुकमार्क, आलेख, सोशल मीडिया, वीडियो रील आदि प्रमुख है। इनके घर पर रक्तदान से सम्बद्ध एक अनूठी तरह की वीथिका भी बनी हुई है, जो कि संपूर्ण भारत में अपने आप में अलहदा है।
शैक्षणिक संस्थानों व कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रेरक वक्ता के रूप में रक्तदान के प्रति जनचेतना का कार्य करते है।
साथ ही आकाशवाणी के माध्यम से भी रक्तदान के प्रति अपनी बात कहते है।उनकी जीवनसंगिनी अनन्या नाईक भी नियमित रक्तदाता है। बेटी अनावि ने विगत अक्टूबर को 18 वर्ष की होते ही रक्तदान करना प्रारम्भ कर दिया है।
दीपक विभाकर नाईक को रक्तदान व सामाजिक सेवाओं के लिए अभी तक 50 से अधिक पुरस्कार-सम्मान मिल चुके है । इनमें राष्ट्रीय स्तर का दधीचि सम्मान , ब्रह्नमहाराष्ट्र मंडल नई दिल्ली का राष्ट्रीय मराठी गौरव सम्मान, रामु भैया दाते सम्मान , पत्रिका समूह द्वारा सम्मान , उत्कर्ष सम्मान के साथ ही सारस्वत ब्रम्ह समूह, लायन्स क्लब, पत्रकारिता अध्ययनशाला, शासकीय अहिल्या पुस्तकालय, इंदौर लेखिका संघ आदि प्रमुख है ।
दीपक समाज को यह मेसेज देना चाहते है कि रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। तब हमें रक्त दाता का महत्त्व समझ में आता है .यदि हम इसे संकल्प की तरह करने लगें तो कई जीवन बचाए जा सकते है .देशभर में रक्तदान हेतु नाको, रेडक्रास जैसी कई संस्थाएँ लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है परंतु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे, जब हम स्वयं रक्तदान करने के लिए आगे आएँगे और अपने मित्रों व रिश्तेदारों को भी इस हेतु आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रस्तुति -डॉ स्वाति तिवारी