महू में कहीं बम मिलते हैं तो कहीं बाघ, तेंदुआ,सेना का बम फटने से ग्रामीण की मौत, आर्मी क्षेत्र में घूम रहा है तेंदुआ

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महू में कहीं बम मिलते हैं तो कहीं बाघ, तेंदुआ,सेना का बम फटने से ग्रामीण की मौत, आर्मी क्षेत्र में घूम रहा है तेंदुआ

दिनेश सोलंकी की रिपोर्ट 

MHOW: महू में अक्सर सेना अभ्यास में छोड़े गए बम जो फूट नहीं पाते हैं और निष्क्रिय होकर अनजान जगहों पर पड़े दबे रहते हैं, उनसे कई बार जनहानि होती आई है। गत वर्ष जून की घटना के बाद नए वर्ष में भी एक मौत बम मिलने से हुई।

यह घटना क्रम कल शाम को महू के बैरछा रेंज आर्मी, थाना बडगोंदा, महू जिला इंदौर, में घटा।

पुलिस प्रभारी लोकेंद्र सिंह हिलोरे ने बताया कि 15.01.2025 की दोपहर बाद मृतक किशन प्रजापति पिता रामरतन प्रजापति, उम्र 55 साल, जाति कुम्हार निवासी ग्राम बैरछा थाना बडगोंदा, का अपनी पत्नी लक्ष्मीबाई के साथ आर्मी बैरछा रेंज तरफ लकडी बीनने गया था, जो फायरिंग रेंज अन्तर्गत विस्फोटक सामग्री (मीस फायर- मोटार बम जैसा) के फटने से उक्त मृतक की मौके पर मृत्यु हो गई।

मृतक की पत्नी से प्रारंभिक पूछताछ पर पता चला कि जमीन के अन्दर कुछ लोहे/स्टील जैसा चमकदार धंसा हुआ बम जैसी वस्तु नजर आई, जिसे जमीन के अन्दर से खींचकर निकालते समय हाथ में फट गया, जिस कारण आई चोटों से मौके पर उसके पति की मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी भी आस पास जंगल में थी, जो सुरक्षित है।

पुलिस को प्राप्त सूचना पर घटना स्थल से बॉडी रिकवर कर पी.एम. हेतु मध्यभारत अस्पताल भेजी गई। घटना क्रम की सूचना आर्मी इंट महू एवं फायरिंग फील्ड ऑफिसर को सूचना दी गई है, आर्मी से संबंधित आधिकारी भी आये। घटना क्रम के संबंध में थाना बडगोंदा पर मर्ग कायम कर जांच में लिया गया।

*जंगल से रहवासी क्षेत्र में आ रहे हैं बाघ, तेंदुआ*

जानवरों का फॉरेस्ट कॉरिडोर बिगड़ने से, जहां सिमरोल में खंडवा सड़क निर्माण के कारण सुरंगे बनने से जंगल का कॉरिडोर ध्वस्त हुआ है उससे जंगल के जानवर भटककर महू के जंगलों से होकर रहवासी क्षेत्रों से गुजर रहे हैं। पिछले साल कई बार कभी बाघ तो कभी तेंदुए रहवासी क्षेत्र में जानवरों पर हमले करते रहे हैं जबकि एक वृद्ध की मौत भी हुई है।

पिछले दो दिनों से आर्मी महू क्षेत्र में एक तेंदुए की उपस्थिति पाई गई है जो क्षेत्र में घूमता हुआ नजर आ रहा है। इसे पकड़ने के लिए फॉरेस्ट ने सीसीटीवी कैमरे और पिंजरे भी जगह-जगह लगाए हैं लेकिन यह पकड़ में नहीं आ पा रहा है। पहले भी आर्मी क्षेत्र में कई बार तेंदुए और बाघ घूमते नजर आए हैं। सैन्य इलाका महू शहर के नजदीक ही जुड़ा हुआ है।
अभी तक वन विभाग यह जानने की कोशिश नहीं कर रहा है कि यह जानवर महू क्षेत्र तक अचानक बार बार में क्यों नजर आने लगे हैं। पूर्व में फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय ने बताया था की फॉरेस्ट कॉरिडोर बिगड़ने के कारण जानवर अब महू के जंगलों में ज्यादातर प्रवासी इलाकों में भटकते हुए नजर आते हैं।