success story-
कहते हैं कि दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कायनात भी मदद करती हैं, मेहनत करनेवालों को कोई रोक नहीं सकता फिर चाहे कोई हादसा हो या चाहे कुछ भी , प्रबल इच्छा ,प्रयास और सफलता का ऐसा ही सूत्र रचा है सूरज ने जिसके प्रकाश को हादसे भी नहीं रोक पाए .
हम एक ऐसे ही उम्मीदवार की बात कर रहे हैं जिन्होंने दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियों के ना होने के बावजूद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 क्रैक कर डाली है.
ट्रेन हादसे में कटे शरीर के अंग
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी की, जिनके ऊपर कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती. लेकिन उन्होंने इसके बावजूद जीवन में हार नहीं मानी और जिंदगी से लड़ने का फैसला लिया. दरअसल, एक ट्रेन हादसे में सूरज ने अपने दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियां गवा दी थीं. लेकिन उन्होंने आज इस बुरे हादसे को भुलाते हुए देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली है.
कुरावली के मोहल्ला घरनाजपुर के रहने वाले रमेश कुमार तिवारी के घर 14 नवंबर, 1994 में बेटे है सूरज । घर वाले उसका घर का नाम रजत रखते हैं। स्कूल का नाम सूरज तिवारी रखा जाता है। खुद रमेश तिवारी पेशे से टेलर हैं। उनकी घरनाजपुर में ही छोटी-सी दुकान है। मां आशा तिवारी गृहिणी हैं। सूरज से छोटी उनकी बहन सृष्टि तिवारी अभी BTC की पढ़ाई कर रही है। सबसे छोटा भाई राघव तिवारी BSC सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है।
29 जनवरी, 2017 को सूरज दिल्ली से दादरी के लिए ट्रेन से निकला था। मगर, ट्रेन में ही किसी ने उसे धक्का दे दिया और वो हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में सूरज के दोनों पैर और हाथ कट गए। दिल्ली के AIIMS में उसका 4 महीने तक इलाज चला। इसके बाद वह दिव्यांग हो गया। इसी सालउस परिवार के बेटे राहुल तिवारी का भी निधन हो गया था।सूरज ने JNU से रशियन भाषा में ग्रेजुएशन किया है। उनका PHD करने के लिए भी नंबर आ गया है। UPSC के इंटरव्यू में भी मुझसे हादसे के बारे में पूछा गया था।
हासिल की इतनी रैंक
बता दें कि मंगलवार, 23 मई को संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से सिविल सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया था, जिसमें सूरज तिवारी ने 917वीं रैंक हासिल की है.