Breach in Security of Parliament : आमिर की एक फ़िल्म ने कुछ करने हौंसला दिया तो संसद में घुस गए!

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Breach in Security of Parliament : आमिर की एक फ़िल्म ने कुछ करने हौंसला दिया तो संसद में घुस गए!

 

इस हरकत से सरकार को चेताने की कोशिश, पर पूछताछ में मकसद अभी तक अस्पष्ट!

 

New Delhi : लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले दो युवको से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। आरोपियों से कई बातों का पता चला है। पुलिस ने पूछताछ में पाया कि आरोपी आमिर खान की फिल्म ‘रंग दे बसंती’ से प्रभावित थे। वे किसी तरह सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते थे। इन लोगों ने ‘क्रांतिकारी भगत सिंह फैन क्लब’ नाम का सोशल मीडिया पेज भी बनाया है।

जांच टीम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जिस तरह फिल्म में इंडिया गेट पर नौजवान इकठ्ठा होते हैं। उसी तर्ज पर सभी ने खुद को क्रांतिकारी घोषित करने के लिए संसद की तरफ कूच किया था। यही वजह है कि क्रांतिकारी ‘भगत सिंह फैन क्लब’ नाम का सोशल मीडिया पेज बनाया गया और उससे सभी जुड़े थे। अपने दावे को पुख्ता करने के लिए उन्होंने लखनऊ स्थित आरोपी सागर शर्मा के घर से मिली डायरी का हवाला दिया। जिसमें लिखा है ‘घर से विदा लेने का समय पास है। कुछ भी कर गुजरने की आग दहक रही है। काश मैं मां-पिता को भी समझा पाता।’ आगे लिखा है ‘ताकतवर वही जिसमें सुख त्यागने की क्षमता हो, मेरे लिए संघर्ष की राह चुनना आसान है।’ इन सबके बीच जांच एजेंसियां आरोपियों के उस दावे पर यकीन नहीं कर रहीं जिसमें उन्होंने इस घटना का मकसद मणिपुर हिंसा बताया है।

 

मकसद खंगाल रही दिल्ली पुलिस

दूसरी तरफ स्पेशल सेल की जांच अब टेक्निकल और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस पर टिक गई है। पकड़े गए आरोपियों के बयानों में जो विरोधाभास सामने आ रहे है उसके लिए इंडिया गेट से लेकर संसद तक के सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया गया है। सभी आरोपियों की सीडीआर यानी कॉल डेटा रिकॉर्ड खंगाल रही है वहीं दूसरी तरफ विजय चौक और संसद के आसपास का डंप डेटा भी कलेक्ट किया है। सूत्रों ने बताया कि वो लगातार अभी भी पुलिस को यही बता रहे है कि उनके पीछे कोई नहीं है, वो महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा में सरकार की चुप्पी जैसे मुद्दे से सरकार का ध्यान खींचना चाहते थे।

आखिर इसके लिए पैसा कहां से आया 

गुरुवार रात कथित तौर पर सरेंडर करने वाले ललित झा ने दावा किया है कि उसने जयपुर से दिल्ली जाते समय अपना फोन फेंक दिया। सेल की टीम यह पता लगा रही है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए पैसा कहां से आया था और आरोपियों का मकसद क्या था। सेल सूत्रों ने दावा किया कि ललित झा ने स्वीकार किया है कि आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए कई बार मीटिंग की थी। वे देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।