Bribery Case: 23 दिन पहले गिरफ्तार IAS प्रेमसुख बिश्नोई के खिलाफ एक और मामला दर्ज
जयपुर. रिश्वत के मामले में 23 दिन पहले गिरफ्तार मत्स्य विभाग का पूर्व डायरेक्टर (आईएएस) प्रेमसुख बिश्नोई एसीबी की दो टीमों के रडार पर था। उसके खिलाफ पहली शिकायत 8 जनवरी को हुई थी, जिसमें आरोपी अधिकारी ने रिश्वत में ढाई लाख रुपए मांगे थे। तस्दीक के दौरान आईएएस के सहयोगी सहायक निदेशक राकेश देव ने ठेकेदार से पचास हजार रुपए ले लिए थे। बाकी रकम लेने से पहले ही एसीबी की दूसरी टीम ने अन्य परिवादी से 35 हजार रुपए लेते समय दोनों अधिकारियों को 19 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। एसीबी ने 8 जनवरी को आई शिकायत मामले में अब रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है।
पहली शिकायत कोटा व बूंदी में मछली पालन का ठेका लेने वाले व्यवसायी ने की थी। व्यवसायी ने 25 लाख रुपए में तीन ठेके लिए थे। प्रेमसुख व राकेश देव ने उससे दस प्रतिशत कमीशन के रूप में ढाई लाख रुपए मांगे। एसीबी में 8 जनवरी को आई शिकायत का पुलिस निरीक्षक रघुवीर शरण ने 9 जनवरी को सत्यापन किया। इसके लिए परिवादी पचास हजार रुपए लेकर मत्स्य निदेशालय के लिए रवाना हुआ। इसमें दो सौ के नोटों की एक गड्डी थी तथा अन्य पांच सौ रुपए के नोट थे। दो सौ की गड्डी पर नोएडा के एक बैंक की स्लिप लगी थी। एसीबी ने इन नोटों की फोटो भी खींची थी। निदेशालय में राकेश ने पचास हजार रुपए ले लिए और अन्य रकम बाद में देने के लिए कहा। उसने निदेशक प्रेमसुख से भी मिलाया था।
दो सौ रुपए की गड्डी एसीबी की दूसरी टीम को प्रेमसुख के घर मिली
शिकायत का सत्यापन होने के बाद निरीक्षक रघुवीर शरण की टीम कार्रवाई के इंतजार में थी। राजकीय अवकाश अधिक होने के कारण आरोपी अधिकारी परिवादी को टालते रहे। इस बीच टोंक के एक ठेकेदार ने 18 जनवरी को दूसरी शिकायत दी। उससे भी उन्हीं आरोपी अधिकारियों ने रिश्वत मांगी। इसका सत्यापन होने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप ने 19 जनवरी को कार्रवाई की, जिसमें आईएएस प्रेमसुख व राकेश देव 35 हजार रुपए लेते रंगे हाथ पकड़े गए। एसीबी की टीम ने प्रेमसुख के घर की तलाशी ली तो उसके यहां दो सौ के नोटों की गड्डी मिल गई, जिसकी फोटो एसीबी की पहली टीम ने 9 जनवरी को खींची थी। उस पर नोएडा के बैंक की स्लिप भी लगी मिली।
आईएएस ऑफिसर प्रेमसुख बिश्नोई की एसीबी ने गिरफ्तारी के बाद 48 घंटे की रिमांड पर रखा था जो सोमवार को समाप्त हो गई थी. इसके बाद एसीबी ने आरोपी को एसीबी कोर्ट ने में पेश किया. जहां से अदालत ने मत्स्य विभाग के डायरेक्टर और एडिशनल डायरेक्टर को रिश्वतखोरी के आरोप में जेल भेज दिया. इस केस की जांच कोर्ट ने एसीबी के डिप्टी अभिषेक पारिक को सौंप दी है. आईएएस ऑफिसर पर मछली ठेकेदार से लाइसेंस के एवज में 35 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.