मामूली राहतों और राजनीतिक आत्मविश्वास से भरा बजट
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने पांचवे बजट में विकासकी चाहतों और मध्यवर्ग को राहतों का अच्छा संतुलन साधा है। लिहाजा यह अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ राजनीतिक हितों को साधने वाला बजट भी है। हालांकि इसमें चमत्कारी जैसा कुछ नहीं है। सरकार ने कुछ राहते दी हैं, लेकिन सीधे रोजगार की कोई बात नहीं की है। उल्टे ग्रामीण रोजगार योजना का बजट घटा दिया है। सरकार मान रही है कि आर्थिक विकास का इंजन तेजी से अागे बढ़ना जरूरी है, रोजगार तो अपने आप निर्मित होते जाएंगे। मांग बढ़ाने के लिए खर्च प्रावधान किए हैं। समूचे बजट में अधोसरंचना कौशल विकास और बुनियादी सुविधाअो के विस्तार पर जोर है। हालांकि सरकार ने ग्रामीणों को रोजगार देने वाली योजनाअोंका बजट 60 हजार करोड़ रू. घटा दिया है।
बजट सामने आते ही शेयर बाजार में उछाल आ गया और नौकरीपेशा मध्य वर्ग के होठों पर भी हल्की मुस्कान छा गई। वर्ष 2023-24 का 45 लाख करोड़ रू. से अधिक यह केन्द्रीय बजट इस बात का संकेत भी है कि केन्द्र में मोदी सरकार और भाजपानीत एनडीए इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि अगले साल होने वाले आम चुनावों में उनकी वापसी होगी। इसलिए ‘रेवडी कल्चर’ से बचा गया है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट में आर्थिकी की मूलभूत कारको पर जैसे कृषि, आवास, स्वास्थ्य, अधोसंरचना पर ज्यादा ध्यान दिया है बजाए रेवड़ी बांटने वाली योजनाअों के। लेकिन प्रत्यक्ष करों के तहत आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर सीतारमन ने मध्य वर्ग की पुरानी मांग की पूर्ति कर दी है। हालांकि यह छूट अपेक्षा से कम है। वित्त मंत्री ने समावेशी विकास के अपने पिछले मंत्र को कायम रखते हुए इस बार आर्थिक विकास के सप्तर्षि कारकों का जिक्र कर उसी हिसाब से बजट आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा अब ‘ज्ञाननीत आर्थिकी’ की अोर बढ़ना है। क्योंकि भारत की आर्थिक मजबूती वैश्विक अर्थव्यवस्था का इंजन बनने के लिए भी जरूरी है।
कृषि क्षेत्र में सरकार पहले से ही किसानों को सीधे नकद लाभ दे रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत सरकार ने बीते वित्तीय वर्ष में 2.2 लाख करोड़ रू. किसानों के खातों में ट्रांस्फर किए हैं। साथ ही उन्होंने मोटे अनाज के उत्पादन, अनुसंधान में बढ़ोतरी के लिए ‘श्री अन्न योजना’ का एलान किया। इसके पीछे सरकार की योजना मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के साथ साथ उसका निर्यात भी बढ़ाना तथा पारंपरिक खाद्यान्नों जैसे गेहूं चावल पर निर्भरता कम करना है। साथ ही सरकार कृषि एवं सहकारिता को बढ़ावा देने डिजीटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने जा रही है। बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा युवा उद्यमियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि स्टार्ट उप शुरू करने के लिए ‘कृषि वर्द्धक निधि’ की स्थापना है। इसके अलावा लंबे रेशेदार कपास का उत्पादन बढ़ाने के लिए पीपीपी के माध्यम से क्लस्टर आधारित वैल्यू चेन का निर्माण, हाई वेल्यू बागवानी फसलों के लिए ‘आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम’ का आरंभ करना शामिल है। बजट में कृषि ऋणों को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रू. तक करने का ऐलान भी है।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा: वित्तमंत्री ने देश में स्वास्थ्य सेवाअो के विस्तार के उदे्श्य से वर्तमान सभी 157 मेडिकल काॅलेजों के पास इतनी ही संख्या में नर्सिंग काॅलेज खोलने की घोषणा की, जिससे नर्सिंग स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सकेगा। देश में 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के पूरी तरह खात्मे के लिए मिशन की शुरूआत तथा चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान व नवाचार के लिए चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाअों की सुविधा सरकारी और निजी मेडिकल काॅलेजों को उपलब्ध कराई जाएगी। फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में नवाचार के उद्देश्य से उत्कृष्टता केन्द्रों के माध्यम से नया कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय डिजीटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। बजट में समाज के कमजोर वर्गों खासकर 3.5 लाख आदिवासी छात्रों के लिए संचालित एकलव्य माॅडल आवासीय स्कूलों में 38 हजार 800 अध्यापकों की िनयुक्ति की जाएगी।
आवास: गरीबों को आवास प्रदान करने वाली पीएम आवास योजना के तहत बजट की राशि 60 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रू. कर दी गई है। देश में ‘भविष्य के शहरों’ के विकास के मद्देनजर शहरी आयोजना में सुधार करने तथा उन्हें म्युनिसिपल बांड के लिए तैयार करने का उल्लेख बजट में है। शहरो के विकास के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ‘शहरी अधोसरंचना विकास निधि’ की स्थापना करेगी, जिसका संधारण राष्ट्रीय आवास बैंक करेगी। बजट में एक अहम घोषणा मानवीय गरिमा के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सीवेज लाइनों के मेनहोल की सफाई अब पूरी तरह से मशीनों के जरिए कराने की घोषणा वित्त मंत्री ने कही है। अमूमन यह काम अभी भी सफाई कामगार ही करते हैं और कई बार ऐसा करते समय उनकी मृत्य हो जाती है।
वित्त मंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) को बढ़ावा देने के लिए देश के तीन शीर्ष शिक्षा संस्थानों में उत्कृष्टता केन्द्र खोलने की घोषणा की। यह समय की मांग है। इस बजट की अन्य अहम बातो में अब पैन नंबर को ही पहचान का प्रमाण मानने, ई न्यायालय परियोजना शुरू करने, 5 जी सेवाअों के एप्लीकेशन तैयार करने इंजीनियरिंग काॅलेजों में सौ प्रयोगशालाएं स्थापित करने तथा देश में कृत्रिम हीरा उत्पादन को प्रोत्साहित करना भी शामिल है।
वित्त मंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से देश में कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए हरित हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा देने तथा पीएम प्रणाम योजना के अंतर्गत वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने की बात भी बजट में की। राज्यो में उनके, जीआई उत्पादों और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने ‘यूनिटी माॅल’ स्थापित किए जाएंगे।
आजकल बजट में पहले की तरह चीजों के महंगा और सस्ते होने का रोमांच जीएसटी ने खत्म कर िदया है। फिर भी कुछ मामलों में यह अभी भी कायम है। वित्त मंत्री महंगाई बढ़ाने वाले उपायों से दूरी बनाए रखी। लेकिन सोना और सिगरेट जैसी चीजों को महंगा करने से परहेज नहीं किया।
जबकि प्रदूषण न करने वाली इलेक्ट्रिक वाहनो को सस्ता करने की पहल की।
मध्य वर्ग को राहत: वित्त मंत्री सीतारमन ने इस बार उस मध्य वर्ग को निराश नहीं किया, जो लंबे समय से भाजपा का वोटर रहा है। इस वर्ग की मांग को मानते हुए उन्होंने आयकर में छूट देने का ऐलान किया, जिससे देश के करीब 40 करोड़ लोगो को फायदा होगा। उन्होंने व्यक्तिगत आयकर में छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख करने का ऐलान किया साथ ही आयकर स्लैब भी 6 से घटाकर पांच कर दिए। नई व्यवस्था के तहत अब 3 लाख रू. तक की वार्षिक आयपर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि 3 से 6 लाख रू. तक 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख रू. तक 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख रू. तक 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रू. तक 20 प्रतिशत तथा 15 लाख रू. से ऊपर की आय वालो को पूर्ववत 30 फीसदी आयकर देना होगा। इसके अलावा व्यक्तिगत आयकर की उच्चतम अधिभार की दर 42.74 प्रतिशत को घटाकर अब 37 फीसदी कर दिया गया है।
बचत को प्रोत्साहन: वित्त मंत्री ने सेना, पुलिस, रेलवे व अन्य विभागों के बजट बढ़ाकर ज्यादा खर्च और मांग का इंतजाम किया वहीं बचतों को बढ़ावा देने का भी ध्यान रखा। उन्होंने राष्ट्रीय वरिष्ठजन पेंशन योजना में धन जमा करने की सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दी है। इसी प्रकार महिलअोंके बचत सम्मान पत्र योजना का भी ऐलान किया है। ध्यान रहे कि छोटी बचतें देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती में अहम योगदान देती हैं। हालांकि वित्त मंत्री ने रोजगार बढ़ाने तथा रोजगारी की पुरानी घोषणा के अनुपालन पर कोई बात नहीं की िक आखिर कितने रोजगार चार साल में सृजित हुए। हालांकि उनका दावा है कि देश में बेरोजगारी घटी है।
कुलमिलाकर यह बजट अर्थव्यवस्था को गति देने वाला बजट है। यह आर्थिकी को कम से कम 6 फीसदी की दर आगे बढ़ाने की उसी श्रृंखला की नवीनतम कड़ी है, जिसकी बुनियाद तीन दशक पहले रखी गई थी। जहां तक अपेक्षाअों की बात है तो वो अनंत है। सरकार उन्हे एक हद तक ही पूरा कर सकती है।