अनुवांशिक बीमारियों पर अंकुश लगाने के अभियान को मिली गति

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अनुवांशिक बीमारियों पर अंकुश लगाने के अभियान को मिली गति

थैलेसीमिया,सिकलसेल और हिमोफीलिया जैसी अनुवांशिक बीमारियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना जरूरी हैं।इसी संदर्भ में रतलाम मेडिकल कॉलेज गायनिक विभाग के साथ बैठक थैलेसीमिया,सिकलसेल मुक्त मध्यप्रदेश समिति के मार्गदर्शक समाजसेवी गोविंद काकानी द्वारा मेडिकल कॉलेज डीन जितेंद्र गुप्ता की सहमति से मेडिकल कॉलेज में की गई।

बैठक में प्रोजेक्टर के माध्यम से डॉ रेखा विमल गुप्ता विभाग प्रभारी ने अनुवांशिक बीमारियों के बारे में जानकारी से अवगत करवाते हुए कहा कि हमें इस बीमारी की चैन को तोड़ने के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्यों को टेस्ट करवाने के लिए समझाइश देना आवश्यक हैं।बैठक में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रतिभा दीक्षित,डॉ सोनू कुमार बाथम, असिस्टेंट प्रोफेसर पारुल त्रिचल, डॉक्टर सारिका रावत,डॉक्टर शालिनी गुप्ता,डॉ पूजा जैन के साथ डॉक्टर रोमा शर्मा,डॉक्टर आयुषी सेठिया,डॉ दीपांशु वाजपेई,डॉक्टर प्रियांशी जोशी सहित डिपार्टमेंट के सदस्यों ने अपने-अपने विचार बीमारियों की रोकथाम के लिए रखें।साथ ही समाजसेवी गोविंद काकानी ने सभी सदस्यों से इन बीमारियों को रोकने के लिए समाज के अंतिम पायदान तक इस चैन को तोड़ने की जानकारी से अवगत कराने के लिए शपथ भी ली।

पत्नियों ने किया बिमार पति को किडनी देने का साहसिक कार्य
संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति की बैठक में 2 प्रकरण रखें गए थे।जहां समिति अध्यक्ष डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता की उपस्थिति में सभी सदस्यों द्वारा स्वीकृति दी गई।जिसमें पहला प्रकरण महेश पाटीदार उम्र 38 वर्ष निवासी बागली जिला देवास को पत्नी माला पाटीदार द्वारा किडनी देना तथा दूसरे प्रकरण में विनोद राठौड़ उम्र 59 वर्ष निवासी उज्जैन को पत्नी मंजू देवी द्वारा किडनी देने की स्वीकृति समिति द्वारा परीक्षण करने के पश्चात पत्र देकर सौंपी गई।