मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : नर्मदा के पानी के लिए बनाई ‘ओंकारेश्वर चतुर्थ चरण ग्रुप 02’ की नहर के क्षतिग्रस्त होने से इलाके के 56 गांवों के सामने जल संकट का खतरा खड़ा हो गया। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (Narmada Valley Development Authority) ने एक सीमेंट कंपनी को सड़क बनाने की इजाजत दी, जिससे नहर का काफी हिस्सा टूटफूट गया, जिससे पानी रिस गया। किसानों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन SDM शिवांगी जोशी को सौंपा।
नगर के गोपालपुरा रोड स्थित दत्त मंदिर परिसर में किसानों व महिलाओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। किसान काफी आक्रोश में थे, क्योंकि नहर क्षतिग्रस्त होने से नहर का पानी 56 गांवों तक नहीं पहुंच पा रहा था। इससे इन गांव की 15 हजार 773 हेक्टेयर जमीन की फसल नष्ट होने का भी खतरा है। विवाद की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल भी तैनात हो चुका था।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कृषकों की जमीन NVDA विभाग ने नर्मदा के पानी की नहर के लिए अधिग्रहित की थी। लेकिन, विभाग एक सीमेंट कंपनी के माध्यम से बाईपास के नाम पर रोड बनवा रहा है। जबकि, पुराने टोंकी रोड पर बाईपास स्वीकृत है और उसका काम भी चल रहा है। इसके बावजूद सीमेंट कम्पनी को रोड बनाने के लिए नहर की जमीन दे दी गई, जो नियम विरुद्ध है।
किसानों ने SDM को ज्ञापन दिया कि रोड बनाने के कारण 15 से 20 जगह नहर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। भविष्य में सीमेंट कंपनी के लोडेड ट्राले एवं टैंकर इस रोड से निकलेंगे, जिसके कंपन से नहर के जोड़ खुल सकते हैं। इससे अल्ट्राटेक गेट से धुलसर (कुक्षी) तक के 56 गांव को सिंचाई व पेयजल का पानी नहीं मिल पाएगा। मनावर नहर का अजंदी मान, जाटपुर, लंगूर, लिम्बी, मेहताखेडी, सिंघाना, धुलसर आदि का काम अभी बाकी है। NVDA द्वारा नहर का काम पूरा बता दिया गया, जो गलत है। ज्ञापन देने वालों में क्षेत्र के किसान एवं महिलाएं भारी संख्या में उपस्थित थी।
DSM शिवांगी जोशी ने कहा कि क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं और काम भी शुरू करा दिया गया। किसानों की NVDA के अधिकारियों के साथ काफी बहसबाजी भी हुई। किसानों के साथ महिलाएं भी आक्रोशित नजर आई। दत्त मंदिर परिसर में SDM के साथ SDOP धीरज बब्बर, थाना प्रभारी नीरज बिरथरे, तहसीलदार आरसी खतेडिया, NVDA के कार्यपालन यंत्री आरपी उईके, SDO विश्राम कन्नौजे के अलावा महिला पुलिस बल भी मौजूद था।