Cannabis illegal Trade: शहर में अवैध भांग पर सख्ती तो फिर सप्लाई कहां से जारी!
इंदौर। शहर में भांग का धंधा कुछ महीनों से सुर्ख़ियों में है। कभी अवैध सप्लाय को लेकर तो कभी बंद कर दी गई भांग मुनक्का की फैक्ट्रियों को चोरी-छुपे खोलकर उनमें गोलियां बनाए जाने को लेकर। अभी ये आबकारी विभाग की दिखावे की कार्रवाई को लेकर चर्चा में है। सवाल उठता है कि जब भांग मुनक्का की फैक्ट्रियों को प्रशासन ने बंद कर दिया तो शहर में मुनक्का सप्लाई कहां से हो रही है!
हाल ही में आबकारी विभाग ने भोई मोहल्ला, मालवा मिल और पलासिया इलाके में गश्त अभियान के दौरान रामबाग रोड, तम्बोली बाखल, छत्रीबाग पर दबिश देकर लगभग 78.5 किलो गीली भांग एवं 10 किलो सूखी भांग जब्त की। साथ में भांग पीसने की एक मशीन पकड़ी गई। अवैध रूप भांग बेचते पाए जाने पर रवि पिता राजू से 4 किलो गीली भांग, मीतेश पिता नारायण यादव से 10 किलो सूखी भांग, सुमनबाई पति सत्तू से 5 किलो गीली भांग, विनोद पिता शिवराम से 11.5 किलो गीली भांग, गोलू पिता संजय ठाकुर से 9 किलो गीली भांग, पप्पी उर्फ अविनाश पिता मोती सिंह से 45 किलो गीली भांग और भांग पीसने की मशीन, सत्यनारायण पिता रतनलाल से 2 किलो गीली भांग जब्त की गई। इन सभी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) ए के तहत प्रकरण कायम कर भांग को आबकारी विभाग ने अपने कब्जे में लिया। जब्त की गई गीली एवं सूखी भांग का बाजार मूल्य लगभग एक लाख रुपए और मशीन का बाज़ार का मूल्य लगभग 15 हजार रुपए है।
क्राइम ब्रांच पकड़ रहा, आबकारी नहीं
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर के निर्देश पर शहर में आबकारी विभाग ने भांग-मुनक्का के सभी लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इसके बाद भी शहर में अवैध भांग और मुनक्का बिक रही है। जबकि, विभाग का कहता है, कि कार्रवाई हो रही है। जबकि, वास्तव में यह सब कुछ दिखावा है। आबकारी विभाग को भांग का धंधा दिखाई नहीं देता, जबकि क्राइम ब्रांच ने कई बार अवैध भांग पकड़ी।
लाइसेंस रद्द होने के बाद भी शहर के भांग के ठिये आबाद हैं और भंगेड़ियों को नशे का सामान (भांग) आसानी से उपलब्ध हो रहा है। जब भांग के कारोबार पर आबकारी विभाग का नियंत्रण है,तो आखिर शहर में इतनी बड़ी मात्रा में भांग कहां से आ रही है। जानकार सूत्र बताते हैं कि आबकारी विभाग के सर्किल इंस्पेक्टरों की मिलीभगत से ही सारे अवैध भांग के ठिए संचालित हो रहे हैं। विभाग सिर्फ अपना टारगेट पूरा करने के लिए खुद ही अवैध भांग माफियाओं को बुलाकर 100, 200 ग्राम भांग का केस बनाकर खानापूर्ति करता है।
दूसरे राज्यों से चोरी-छुपे आ रही
जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग की कार्रवाई के दौरान कुछ घंटे ये ठीए बंद रहते है। आबकारी सूत्रों के अनुसार जिस भी अवैध भांग के ठियों पर छापामार कार्रवाई की गई, ये सभी भांग माफिया मंजूर उर्फ मुजाहिद और उसके खास गुर्गे राजेश जायसवाल ऑपरेट करता है। यही कारण है कि आबकारी विभाग मोरसली गली के ठियों पर कार्रवाई नहीं करता। अभी भी भांग माफिया यूपी, उत्तराखंड, बहराइच और महाराष्ट्र से भांग की पत्ती अवैध रूप से मंगवाई जा रही है। पत्ती को मंगवाकर भांग पीसने की ऑटोमेटिक मशीन से पिसवाकर अवैध भांग ठियो और अवैध मुनक्का भांग फैक्ट्रियों पर सप्लाई की जा रही है।