मामला विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा में धांधली का,लोकायुक्त ने दर्ज किए कुल सचिव और शिकायतकर्ता के बयान
उज्जैन से मुकेश व्यास की रिपोर्ट
उज्जैन । उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में करीब डेढ वर्ष पूर्व हुई पीएचडी चयन परीक्षा में धांधली एवं अवैध रूप से सांठ-गांठ कर, नंबर पीबढ़ाने के लिए आंसर-शीट मे छेड़-छाड़ कर फेल से पास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। इस शिकायत के चलते लोकायुक्त पुलिस ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुल सचिव और शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए है। मामले में लोकायुक्त जांच आरंभ की है। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने शिकायत कर्ता युवा कांग्रेस के पूर्व सचिव बबलू खिंची व कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक के बयान दर्ज किए हैं।
मामले में विवि कुलसचिव पौराणिक ने कहा कि जानकारी मांगी थी। जांच समिति के समक्ष हमने कागज प्रस्तुत कर दिए है। विश्वविद्यालय स्तर पर भी जाँच की जा रही है। जाँच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। फ़िलहाल जाँच प्रक्रिया में है। जो भी जाँच समिति का प्रतिवेदन आएगा वह कार्य परिषद की बैठक में रखा जाएगा ।
शिकायत कर्ता बबलू खिंची ने कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व मेरे द्वारा लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। साथ ही खींची ने परीक्षा की ओएमआर शीट में काँट- छाँट के बारे में मीडिया को भी बताया था।एक प्रति कुलपति को भी दी थी।
कुलपति द्वारा प्रकरण की जाँच के लिए समिति बनाई गई।उसकी रिपोर्ट अभी तक कार्यपरिषद के सामने नहीं आयी है।न ही उस मामले में अभी तक किसी के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही की गई है।इस मामले में कुलसचिव को लोकायुक्त में बुलाया गया था।
शिकायती पत्र में कांग्रेस नेता बबलू खिंची ने पीएचडी चयन परीक्षा समिति के सदस्य पर इंजीनियरिंग विषय की आंसर शीट में हेरफेर कर अपने वालों को लाभ देने का आरोप लगाया था। इसके कारण पात्र छात्र-छात्राओं के साथ धोखाधड़ी हुई है।जबकि पीएचडी चयन परीक्षा के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए केवल एक ही वृत को गाढ़ा किया जाए। एक से अधिक वृत को गाढ़ा करने पर अथवा एक वृत को अपूर्ण करने पर वह उत्तर गलत माना जाएगा। खींचीं ने शिकायत में कहा कि परीक्षा उपरांत आंसर शीट चेक करने के दौरान सारे नियम ताक में रखकर जांच की गई।