Cash for Query Case : कौन है वो जिससे पैसे लेकर मोइत्रा पर सवाल पूछने के आरोप लगे!
New Delhi : तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी कैश फॉर क्वेरी मामले में छिन गई। कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। इस सांसद पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा। आरोप यह था कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल किए। कहा गया कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए पैसे लेकर संसद में सवाल किए।
दरअसल, इस मामले में महुआ मोइत्रा बुरी तरह फंस गई। उन्हें संसद से निष्कासित करने के लिए लाए प्रस्ताव को ध्वनमित से पारित किया गया। इसके साथ रही उनकी सांसदी खत्म हो गई। बहस के दौरान बीजेपी सांसद हीना गावित कहा कि महुआ मोइत्रा ने अपने संसदीय इतिहास में 61 सवाल किए , जिसमें से 50 बार दर्शन हीरानंदानी के सवाल पूछे हैं। महुआ ने खुद ही एथिक्स कमिटी के सामने माना कि उन्होंने हीरानंदानी को लॉग-इन, पासवर्ड दिए हैं। इस पूरे मामले में एक नाम जो बार-बार आया वो नाम है दर्शन हीरानंदानी।
आखिर कौन है ये बिजनेसमैन
देश के बड़े कारोबारियों में उनका नाम है। दर्शन हीरानंदानी रियल एस्टेट सेक्टर में उनका बड़ा नाम है। दर्शन पर आरोप लगे कि उन्होंने अपनी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए महुआ मोइत्रा को पैसे दिए, ताकि वे संसद में अडानी को लेकर सवाल करें। इस मामले में खुलासा होने के बाद उनका नाम सामने आया। दर्शन की कंपनी का अधिकतर कारोबार मुंबई में है। दर्शन के पिता निरंजन हीरानंदानी इस कंपनी के फाउंडर हैं। हीरानंदानी ग्रुप रेसिडेंशियल टाउनशिप से लेकर आईटी पार्क, बिजनेस पार्क, मॉल से अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़ी है।
कंपनी के कई प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से बाहर भी हैं। मुंबई के अलावा बैंगलोर, चेन्नई में कंपनी के कई बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। कंपनी रियल एस्टेट के अलावा डेटा सेंटर, ऑयल एंड गैस सेक्टर, सेमीकंडक्टर्स और कंज्यूमर सर्विसेज में तेजी से विस्तार कर रही है। हीनानंदानी ग्रुप के दर्शन निडर ग्रुप, योट्टा डेटा सर्विसेज, एच एनर्जी और तेज प्लेटफॉर्म की कमान भी संभालते हैं। ये कंपनियां अलग-अलग सेक्टर्स में काम करती है।
बीजेपी सांसद ने शिकायत की थी
‘कैश फॉर क्वेरी’ का खुलासा करने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने सवाल के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2019 से 2023 के बीच महुआ मोइत्रा जो 61 सवाल पूछे, उनमें से 50 सवाल अडानी समूह के ख़िलाफ़ थे। उन्होंने ये सवाल दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए पूछे गए थे।
अडानी समूह से हीरानंदानी समूह की प्रतिद्वंद्विता बनी रहती है। हीरानंदानी समूह ने इन्फ्रा और एनर्जी के कॉन्ट्रैक्ट के लिए भी बोली लगाई थी, जो अडानी समूह को मिल गया। वहीं हीरानंदानी समूह ने साल 2014 में धामरा पोर्ट के लिए भी बोली लगाई थी, वो भी अडानी को मिल गया। दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता बनी रहती है।