इसराइल और हमास के बीच सीजफायर…नए साल की सबसे अच्छी खबर…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
इसराइल और हमास के बीच सीजफायर पर बात बनना नए साल की सबसे अच्छी खबर माना जा सकता है। हमास को युद्ध की विभीषिका का अहसास हो चुका है। अच्छा है कि उसे अब यह समझ में आ जाए कि गलत कामों का नतीजा गलत ही होता है। बेहतर है कि अपनों को बेवजह मौत के मुंह में न झौंका जाए। बच्चों का चैन न छीना जाए। बुजुर्गों को खून के आंसू न रुलाया जाए। ऐसा काम न करें कि माताओं की खुशियां उजड़ सकें। सीजफायर एक बड़ी उपलब्धि है। ईश्वर करे कि फिर कभी युद्ध की स्थिति न बने।
बीबीसी की रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल मई से ही इस समझौते की अलग-अलग रूप चर्चा रही है। समझौते में हुई देरी के लिए हमास और इसराइल ने एक-दूसरे पर दोष मढ़ा है। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश इसराइली नागरिक थे। वहीं, अब तक गाजा में 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसराइली हमलों में लगभग 50 हजार लोग मारे गए हैं। इनमें हमास के लड़ाके और आम लोग दोनों ही शामिल हैं। लैंसेट मेडिकल जर्नल में हाल ही में छपे एक अध्ययन में कहा गया है कि ये संख्या असल में इससे कहीं अधिक हो सकती है।लेकिन समझौते के बाद पहली बड़ी चुनौती ये सुनिश्चित करना है कि युद्धविराम कायम रहे। पश्चिमी देशों के कई सीनियर राजनयिकों को डर है कि 42 दिनों का पहला चरण खत्म होते ही जंग फिर शुरू हो सकती है। गाजा में छिड़े युद्ध के पूरे मध्य-पूर्व में बहुत गहरे परिणाम देखने को मिले।हालांकि, कई लोगों ने आशंका जताई थी कि ये युद्ध पूरे क्षेत्र में फैल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने लिया। लेकिन गाजा की जंग ने पूरे क्षेत्र में एक उथल-पुथल भरा माहौल तो पैदा कर दिया।
दुख भरी खबर यह है कि इजरायल और हमास के बीच 15 महीनों की लड़ाई के बाद सीजफायर हुआ है। हालांकि अभी इजरायल ने सीजफायर को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और गाजा पर हमले जारी रखे हैं। इस बीच हमास के टॉप लीडर ने बड़बोला बयान दिया है। कतर में युद्धविराम बातचीत में हमास की तरफ से नेतृत्व करने वाले लीडर खलील अल-हय्या ने विवादित बयान दिया है। खलील ने कहा कि उसे इजरायल पर हुए 7 अक्टूबर 2023 के नरसंहार की खुशी है। वह और उसका समूह उस हमले को गौरव पल के रूप में देखते हैं। कतर से टेलीविजन को दिए भाषण में खलील ने कहा कि सीजफायर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की हार है। इतना जुल्म सहने के बाद भी हमने हार नहीं मानी।
यही कामना है कि खलील जैसे हमास लीडर्स को सद्बुद्धि आए और वह यह समझ सकें कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। युद्ध से वह अपने अहंकार को संतुष्ट नहीं कर सकते। यही कामना है कि सीजफायर बना रहे और मध्यपूर्व शांति का पर्याय बने। इसराइल और हमास के बीच सीजफायर…नए साल की सबसे अच्छी खबर है…तो खलील का बयान सबसे ज्यादा मूर्खता से भरी और दु:खी करने वाली खबर है
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