
CG Traffic Man: ‘ट्रैफिक मैन’ महेश मिश्रा को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा।
Chhattisgarh News: महेश मिश्रा को राष्ट्रपति पदक के साथ-साथ आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिलेगा. इसके अलावा उन्हें सरकारी कार्यक्रमों में विशेष सीट, भारतीय रेलवे में किराए पर छूट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. जिला-संभाग एवं प्रदेश स्तर पर लगभग 4 लाख आम जनता को ट्रैफिक पाठ पढ़ा चुके हैं। महेश वाहन चालकों को नि:शुल्क चश्मा वितरण, सडक़ के गड्ढों को भरने से लेकर कई सामाजिक कार्य करते हैं.
बैकुंठपुर: कोरिया जिले के लिए आज गर्व का क्षण है, क्योंकि जिले के ‘ट्रैफिक मैन’ के नाम से मशहूर लांस नायक महेश मिश्रा को उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ प्रदेश से इस सम्मान के लिए चयनित होने वाले वो अकेला व्यक्ति हैं. लांस नायक महेश मिश्रा पिछले 18 वर्षों से अपनी शासकीय ड्यूटी के साथ-साथ जनसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने स्वयं के खर्च पर 500 से अधिक ट्रैफिक जागरूकता शिविर आयोजित किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने वाहन चालकों को फ्री में चश्मा वितरण, सड़कों के गड्ढों को भरने जैसे कार्यों में भी योगदान दिया है.

नगर सेना में नायक पद पर कार्यरत महेश मिश्रा पिछले 18 वर्षों से ट्रैफिक नियमों की जागरूकता (Traffic Rules Awareness) के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 500 से अधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए हैं, जिनमें 4 लाख से ज्यादा लोगों को सड़क सुरक्षा (Road Safety) की जानकारी दी गई है।
कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद की
महेश मिश्रा तीन विषयों संस्कृत, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर स्वर्ण पदक विजेता हैं. वर्तमान में वे यातायात नियमों के परिपालन संबंधी जागरूकता का अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले के विशेष परिप्रेक्ष्य में विषय पर पीएचडी कर रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने जरूरतमंदों और गरीबों की मदद की. लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने और उन्हें भोजन उपलब्ध कराने का कार्य किया.
मिलेगा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन
महेश मिश्रा को राष्ट्रपति पदक के साथ-साथ आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिलेगा. इसके अलावा उन्हें सरकारी कार्यक्रमों में विशेष सीट, भारतीय रेलवे में किराए पर छूट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी.

जन जागरूकता अभियान का ऐसा जुनून
महेश मिश्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 2006 से जन जागरूकता अभियान को एक जुनून के रूप में लिया. उनके अनुसार, यातायात नियमों का पालन करने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें और सुरक्षित ड्राइविंग का उदाहरण प्रस्तुत करें.
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