Chairman of Law Commission : सेवानिवृत्त जज विधि आयोग के अध्यक्ष नियुक्त!
New Delhi : हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी को भारत के विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जबकि, न्यायमूर्ति केटी शंकरन, प्रो आनंद पालीवाल, प्रो डीपी वर्मा, प्रो राका आर्य और एम करुणानिधि को आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संबंध में जानकारी दी है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी।
भारत के विधि आयोग के लिए एक नए अध्यक्ष और अन्य पांच पैनल सदस्यों की नियुक्ति करके केंद्र सरकार ने आयोग को फिर से बहाल कर दिया है। आयोग के अंतिम अध्यक्ष अगस्त 2018 में सेवानिवृत्त हुए और तब से इसका पुनर्गठन नहीं किया गया था। आयोग एक निश्चित कार्यकाल के लिए स्थापित किया गया है और कानून और न्याय मंत्रालय के सलाहकार निकाय के रूप में काम करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कई बार किया उल्लेख
विधि आयोग की भूमिका सलाहकार और सरकार की नीतियों की आलोचनात्मक दोनों रही है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय और शिक्षाविदों ने आयोग को अग्रणी और परिप्रेक्ष्य के रूप में मान्यता दी है। कई फैसलों में, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया है और इसकी सिफारिशों का पालन किया है।
कर्नाटक हिजाब मामले में धमकी
न्यायमूर्ति ऋतुराज का नाम उस समय चर्चा में आया था जब कर्नाटक हिजाब मामले में उन्हें फैसला सुनाने पर जान से मारने की धमकी दी गई। उन्हें एक पत्र भेज ये धमकी दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। न्यायमूर्ति अवस्थी ने साल 1986 में लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून में ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने एक फरवरी, 1987 को वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाया, वह लखनऊ में भारत के सहायक सॉलीसीटर जनरल के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। इन्हें 13 अप्रैल 2009 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया था और वह 24 दिसंबर, 2010 को वे स्थायी न्यायाधीश बने थे।