बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट
बड़वानी -मां नर्मदा के संरक्षण के लिए प्रतिज्ञावद्ध सद्गुरु भैया जी सरकार बीते 496 दिन से अनवरत उपवास कर रहे हैं। केवल मां नर्मदा का जल पीकर जीवित रहने वाले संत भैयाजी ने विज्ञान के नियमों को चुनौती दी है।
मां नर्मदा के अनन्य भक्त एवं सेवक का साई मन्दिर समिति के सदस्यों ने सम्मान किया। जिसमें नगर के गणमान्य नागरिकों एवं भक्तों द्वारा पूज्य संत का फूल मालाओं एवं साल श्रीफल से भव्य स्वागत किया गया
पर्यावरण संरक्षण गौवंश रक्षा एवं मां के अस्तित्व को बचाने के लिए भैया जी सरकार परिक्रमा कर रहे हैं। भैया जी सरकार ने बताया कि परिक्रमा सतत जारी रहेगी जब तक मां नर्मदा के संरक्षण का प्रयास सफल नहीं हो जाता।
भैया जी ने अपने प्रबुद्ध वचनों में कहा कि नर्मदा नदी नहीं प्राणदायिनी है, हमारी आत्मा है, हमारी मां है, संस्कृति है, हम इससे दूर नहीं हो सकते।
लगातार माता नर्मदा का जल एवं तटों पर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। संक्रमण के चलते जल दूषित हो गया है जिसका परिणाम वर्तमान में फैले संक्रमण से परिलक्षित हो रहा है। नर्मदा के आंचल को स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है। सरकारों की नहीं जो नर्मदा एवं उसकी सहायक नदियों को बचा नहीं पा रहे उनसे उम्मीद करना बेमानी है। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझ कर मां नर्मदा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रयास करने होंगे। समय रहते प्रयास नहीं किये गए तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ जायेगा।
गुरु और गोविंद की महिमा नदियों एवं गोवंश से है। भगवान राम ने सरयू नदी एवं कामदगिरि को मान देकर हमें प्रकृति के संरक्षण का उपदेश दिया तो वहीं भगवान कृष्ण ने युमना के जल को विषमुक्त कर मानवमात्र को जीवनदान दिया। गोवर्धन पर्वत को उठाकर एवं गौवंश की रक्षा कर प्रकृति संरक्षण का उपदेश दिया।
वर्तमान में मां नर्मदा के जल से बलपूर्वक रेत निकली जा रही है। बड़े नगरों के नाले जल को प्रदूषित कर रहे हैं। नर्मदा की सहायक नदियां दम तोड़ रही है। राईपेरियन जोन नष्ट हो गया है। नर्मदा के जल को संग्रहित करने के लिए आवश्यक पेड़ एवं जंगलों के सफाया हो जाने से एवं अंधाधुंध जलाशयों के निर्माण ने मां नर्मदा के धार पतली हो गई है। नर्मदा का वर्तमान में प्रवाह 32 फीसद कम हो गया है। अगर यही स्थिति रही तो भविष्य में नर्मदा का प्रवाह बेहद कम रह जायेगा।
देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, भैय्या जी सरकार (प्रतिज्ञाबद्ध सद्गुरु)-