Chances of Cabinet Expansion : चुनाव नतीजों के बाद परफॉरमेंस के आधार पर 4 नए मंत्री बनेंगे!
Bhopal : जुलाई में होने वाले बजट सत्र के आसपास प्रदेश के मोहन यादव मंत्रिमंडल के विस्तार के आसार हैं। इस फेरबदल में 4 जून को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। विधायकों के क्षेत्रों में उनके परफार्मेंस पर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। यह भी संभावना है कि कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो जाए। कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। खासतौर पर कांग्रेस छोड़कर आए विधायकों को मौका मिल सकता है।
मुख्यमंत्री की टीम में फेरबदल में नए-पुराने चेहरों को मौका दिए जाने की खबर पक्की है। मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों का परफार्मेंस मुख्य आधार बनेगा। इसके अलावा विधायकों का उनके क्षेत्र में प्रदर्शन का भी ध्यान रखा जाएगा। दिसंबर 2023 में वजूद में आई प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार में इस समय कुल 28 मंत्री मौजूद हैं। इनमें 18 कैबिनेट मंत्री, 6 स्वतंत्र प्रभार वाले और 4 राज्यमंत्री का ओहदा रखने वाले मंत्री शामिल हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल के आकार के लिहाज से फिलहाल इसमें कुछ और मंत्रियों को शामिल किए जाने की गुंजाइश है।
जानकार सूत्रों का कहना है पहली वरीयता उन विधायकों को मिलेगी जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। इनमें रामनिवास रावत, कमलेश शाह और निर्मला सप्रे के नाम हैं। कहा जा रहा है कि शायद इन विधायकों के भाजपा में आने की यह शर्त होगी। 3 में से कम कम 2 विधायकों को मौका मिल सकता है। इस बार इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। इंदौर लोकसभा चुनाव को कांग्रेस मुक्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनको इसका इनाम मिल सकता है। धार लोकसभा से कोई मंत्री नहीं है, इस लिहाज से तीन बार की विधायक नीना वर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है।
ऐसा है मौजूदा कैबिनेट का स्वरूप
फ़िलहाल मंत्रिमंडल में डाॅ मोहन यादव समेत 31 सदस्य हैं। अधिकतम 35 को जगह मिल सकती है। 15% प्रतिनिधित्व की पात्रता के हिसाब से अधिकतम 35 सदस्य मंत्रिमंडल में हो सकते हैं। अभी 4 मंत्रियों की जगह खाली है। यदि परफॉरमेंस के आधार कुछ मंत्रियों की छुट्टी हुई तो और खाली हो सकती है।
क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा
डॉ मोहन सरकार के मंत्रिमंडल के संभावित पुनर्गठन में क्षेत्र और जातीय संतुलन भी साधे जाने की चर्चा है। कैबिनेट में हर लोकसभा क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने के संकेत दिए गए थे। लेकिन, कई क्षेत्रों में एक भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया और कई जगह 3 मंत्री हैं। अब होने वाले विस्तार में इस बात का पूरा ध्यान रखे जाने की संभावना है।
जिसका परफार्मेंस अच्छा होगा उसे मौका
जानकार सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखकर पार्टी हाईकमान ने मंत्रियों और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के संकेत दिए हैं। चुनाव के दौरान जिन विधायकों और मंत्रियों का परफार्मेंस अच्छा होगा, उनको नए विस्तार में मौका मिल सकता है।