शहर विकास योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया में बदलाव,अब सांसद, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष देंगे सुझाव
भोपाल: प्रदेश में अब नगरों की अनुमोदित विकास योजनाओं के क्रियान्वयन और क्रियान्वित की जाने वाली संस्थाओं के समन्वय एवं पर्यवेक्षण के लिए संभागायुक्त और कलेक्टर की अध्यक्षताय में गठित नियोजन और पर्यवेक्षण समिति में अब बदलाव किया गया है। इसमें संबंधित क्षेत्र के सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, विकास प्राधिकरण और नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष भी सुझाव देंगे।
नगर विकास योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु गठित नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति की कार्यवाही के लिए रुपरेखा भी नये सिरे से तय की गई है।
नगरीय अधोसंरचना के विकास, आवासीय एवं आश्रय योजनाओं के विकास, सार्वजनिक सुविधओं एवं नगरीय केन्द्रों, उपकेन्द्रों के विकास, आमोद प्रमोद के क्षेत्रों के विकास के लिए भी अब पर्यवेक्षण समिति अब क्रियान्वयन स्थिति का पर्यवेक्षण करेगी।
समिति अब कार्यक्रम के चयन, परियोजना की तैयारी, परियोजना के क्रियान्वयन और वित्तीय व्यवस्था तथा कार्यक्रम क्रियान्वयन के मूल्यांकन के फलस्वरुप होंने वाले वांछित सुधारों पर चर्चा करने तीन माह में एक बार बैठक करेगी। विकास प्राधिकरण, स्थानीय निकाय द्वारा नियोजन पर्यवेक्षण समिति के समक्ष वार्षिक विकास प्रतिवेदन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें नियोजन, क्रियान्वयन के सभी पहलू सम्मिलित होंने के साथ ही सुधार हेतु अनुशंसा के बिन्दु भी शामिल किए जाएंगे। समिति अपनी अनुशंश के साथ संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश के विचारार्थ वार्षिक विकास प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी तथा संचालक द्वारा प्रतिवेदन का अनुमोदन कर राज्य शासन को प्रस्तुत किया जाएगा।