Indore : लाखों रुपए की ठगी के मामले में सेबी से ही रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी के संचालक को पुलिस ने गिरफ्त में लिया है। इस मामले में क्राइम ब्रांच लगातार एडवाइजरी संचालक की तलाश कर रही थी। अधिकारियों को फरार संचालक के खजराना इलाके की एक बिल्डिंग में नाम बदलकर काम करने की जानकारी लगी थी। जिसके बाद उसकी पहचान होने पर सोमवार रात में उसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया।
डीसीपी क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल के मुताबिक राकेश निवासी रायपुर छत्तीसगढ़ की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने इन्वेस्ट इंडिया फिनसर्व शेयर एडवाइजरी कंपनी के संचालक सर्वेश पिता उमेश श्रीवास्तव निवासी 104, कनक एवेन्यू एमआर-11 को पकड़ा है। आरोपी के पास से लैपटॉप और कंप्यूटर हार्ड डिस्क भी बरामद की गई है। राकेश ने अपनी शिकायत में बताया था कि 2019 में शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट व डबल प्रॉफिट का लालच देकर एडवाइजरी फीस के नाम पर अलग-अलग किश्तों में 5 लाख 80 हजार रुपए कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर करवाए गए थे। लेकिन, राकेश को रुपए वापस नहीं दिए गए।
मामले में शिकायत के बाद संचालक सर्वेश ने अपना नंबर बंद कर लिया था। क्राइम ब्रांच लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस के मुताबिक सर्वेश के द्वारा एचडीएफसी बैंक के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कराने की बात सामने आई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच की तो पाया कि उक्त कंपनी सेबी में रजिस्टर्ड है। लेकिन उसने नियमों के खिलाफ जाकर काम किया है।
एडवाइजरी टीप के नाम पर सेबी के नियम के खिलाफ मनचाही रकम ली। लेकिन राकेश को इसके बदले रुपए नहीं दिए और उसे प्रॉफिट नहीं देते हुए खुद उसके रुपयों का उपयोग कर प्रॉफिट कमाया। एडवाइजरी कंपनी पर कार्रवाई में पुलिस ने सर्वेश के अलावा विकास से लगातार संपर्क करने वाले कॉलर को भी आरोपी बनाया है। जानकारी के मुताबिक अभी कॉलर की पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं ली है। सर्वेश को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर उसका रिमांड लिया जाएगा। जिसमें और ठगी को लेकर उससे पूछताछ की जाएगी।