Chhatarpur Case : छतरपुर के शहजाद अली का मकान तोड़ने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने को तैयार ये वकील!

कहा कि दोषी सरकारी और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही होना चाहिए!

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Chhatarpur Case : छतरपुर के शहजाद अली का मकान तोड़ने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने को तैयार ये वकील!

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील महमूद प्राचा ने छतरपुर में थाने पर हमले के मुख्य आरोपी शहजाद अली की हवेली पर बुलडोजर चलाए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने की पहल की है। उनका मानना है कि शहजाद अली का 10 करोड़ का मकान तोड़कर प्रशासन ने अन्याय किया है। उनका मानना है कि यह असंवैधानिक कृत्य है।

प्राचा ने कहा है कि जिन अफसरों ने उनका मकान तोड़ा उन सभी को जेल हो जाएगी। प्राचा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को दोषी बताते हुए कहा कि वे छतरपुर के शहजाद अली समेत उन सभी लोगों का केस लड़ने को तैयार हैं, जिन्हें जेल भेजा गया। यह मामला छतरपुर थाने पर भीड़ द्वारा घेराव करने का है। शहजाद पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को उकसाया था।

दिल्ली दंगे में भी मुस्लिमों का केस लड़ रहे महमूद प्राचा ने शहजाद अली का घर तोड़े जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। वे छतरपुर में उस जगह जाना चाहते हैं, जहां शहजाद अली की हवेली थी। प्राचा ने अपने एक्स हैंडल पर अली की टूटी हवेली की तस्वीर के साथ लिखा कि वे उस जगह पर जाना चाहते हैं क्या कोई मदद कर सकता है। उन्होंने लिखा ‘मैं सिर्फ अपनी सहानुभूति दिखाने नहीं जाना चाहता, बल्कि दोषी सरकारी और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही के लिए जाना चाहता हूं। इस काम के लिए सिर्फ राबता कराने की मदद मांग रहा हूं।’

 

किसी का मकान तोड़ना असंवैधानिक

एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि यदि उनसे संपर्क किया जाता है, तो वे केस लड़ने के लिए तैयार हैं। प्राचा ने कहा कि घर तोड़ने के मामले में अधिकारियों को जेल हो सकती है। जो छतरपुर में बुडोजर ऐक्शन हुआ है, उसके लिए यदि कानूनी कार्रवाई की जाए, जो लोग जेल में बंद हैं उन्हें तो हम बहुत आराम से छुड़वा लेंगे। क्योंकि, झूठे मुकदमे हैं, असली चैलेंज यह है कि हम उन अधिकारियों को उम्र कैद तक की सजा दिलवाए जिन्होंने गैर संवैधानिक काम किया है। उनके राजनीतिक आकाओं को जेल भिजवाना होगा, तभी बुलडोजर राज रुकेगा।’

प्राचा ने कहा कि वह छतरपुर जाना चाहते हैं, अभी तक इसलिए नहीं गए, क्योंकि कोई पक्ष बनकर सामने नहीं आया। प्राचा ने कहा कि यदि कोई पक्षकार बने और उनसे संपर्क करे तो वह केस लड़ने के लिए तैयार हैं। प्राचा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने अभी तक इस घटना की निंदा नहीं की है, इसलिए वह भी दोषी हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को इस कार्रवाई के खिलाफ खड़ा होना चाहिए जो संविधान में विश्वास करता है।प्राचा ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए शांतिपूर्वक जाना अधिकार है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि थाने पर पथराव किया गया और यदि हुआ भी तो घर तोड़ने की क्या जरूरत है।