Chhatarpur MP: नये वर्ष में लिखी नई इबारत, मुस्लिम महिला ने दिया वृद्ध की अर्थी को कांधा

●वृद्धाश्रम में हुई 70 वर्षीय वृद्ध की मौत.. ●महिला ने उठाया अंत्येष्टि और अन्य सभी खर्चे..

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Chhatarpur MP: नये वर्ष में लिखी नई इबारत, मुस्लिम महिला ने दिया वृद्ध की अर्थी को कांधा

छतरपुर से राजेश चोरसिया की रिपोर्ट

Chhatarpur MP: छतरपुर के एक वृद्ध आश्रम में जीवन यापन करने के दौरान 70 वर्षीय वृद्ध पूरनलाल चौरसिया की मौत का मामला सामने आया है। जहां पूरनलाल पिछले 2-3 वर्षों से अपनी 65 वर्षीय पत्नी शकुंतला के साथ वृद्धाश्रम में नीरस जीवन व्यतीत कर रहे थे। शुरुआत से ही उनके कोई संतान नहीं थी। निःसंतान जीवन व्यतीत करने के बाद वृद्धावस्था में कोई देखभाल और सेवा करने वाला नहीं था तो वे वृद्धाश्रम में आकर रहने लगे थे।

●महिलाओं ने दिया कंधा कराया अंतिम संस्कार..
वृद्ध आश्रम में मौत और कोई संतान न होने के चलते आश्रम संचालिका अनवरी खातून और सामाजिक महिला नेत्री सपना चौरसिया ने वृद्ध की अर्थी उठाई, कांधा दिया और शवयात्रा में शामिल हुईं।

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●महिला ने उठाया पूरा खर्च..
दूर की रिश्तेदार और सामाजिक महिला सपना चौरासिया ने अंतिम संस्कार, अस्थी विसर्जन, के लिये इलाहाबाद जाने से लेकर तेरहवीं और श्राद्ध, सहित अन्य सारे क्रियाकर्मों का बीड़ा और खर्च उठाने की बात कही है।
बाईट- सपना चौरसिया (अर्थी को कंधा देने और खर्च उठाने वाली)

●मुस्लिम महिला ने दिया कंधा..
मामले में आशियाना वृद्धआश्रम संचालिका अनवरी खातून से बात की तो उन्होंने कहा कि हम पहले इंसान हैं। बाद में हिन्दू और मुस्लिम, यहां हमने जाती-धर्म, हिन्दू-मुस्लिम, और महिला-पुरुष की वर्जनाओं को तोड़ते हुए इंसानियत का फर्ज अदा किया है। जो मेरी नजर में इन सबसे बड़ा है।
बाईट- अनवरी खातून (वृद्ध आश्रम संचालिका और कंधा देने वालीं)

मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि अनवरी खातून और सपना चौरसिया ने जाति-धर्म हिन्दू-मुस्लिम, महिला-पुरुष, का भेद मिटाते हुए मानवीय आधार पर एक नई इबारत लिखने की पहल की है। जिसे अब लोग इंसानियत का नाम और अच्छी सोच करार दे रहे हैं।