

Chief Economic Advisor Appointed : महाराष्ट्र के CM के मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रवीण परदेशी नियुक्त, इसके पीछे राजनीति देखी जा रही!
मुख्यमंत्री के सबसे विश्वस्त अफसरों में गिने जाने वाले सलाहकार को राज्य मंत्री का दर्जा भी मिलेगा!
Mumbai : महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने शनिवार को एक सरकारी प्रस्ताव प्रकाशित किया, जिसमें मुख्यमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रवीण परदेशी की नई भूमिका में उनके सभी अधिकारों की सूची दी गई। परदेशी के पास कई उपलब्धियां हैं। वे राज्य सरकार के थिंक टैंक MITRA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। उन्हें राज्य डेटा नीति की सर्वोच्च शासी समिति का सह-अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया है। यह भूमिका वे महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के साथ साझा करेंगे।
2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री फडणवीस के पहले कार्यकाल के दौरान फडणवीस के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया। जो नौकरशाह यह सोचते हैं कि रिटायरमेंट उनके करियर का अंत है। तो उन्हें अपनी सोच को नए सिरे से ढालने की जरूरत है। उन्हें इतना करना है कि सही तालमेल बिठाएं और अपने राजनीतिक आकाओं के साथ एक सहज संबंध बनाएं। यही कारण है कि इस देश में कई नौकरशाह हैं, जो रिटायरमेंट के बाद नया कार्यकाल शुरू करते हैं और सेवा के दौरान की तुलना में सेवानिवृत्ति के बाद अधिक मजबूत होकर उभरते हैं।
इसका ताजा उदाहरण महाराष्ट्र के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी प्रवीण परदेशी। 2021 में मुख्य सचिव का पद न मिलने पर उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। लेकिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके करीबी संबंधों के कारण उनके लिए नया पद सृजित किया गया। अब वे उनके मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं और जब तक फडणवीस सत्ता में रहेंगे, तब तक वे इस पद पर बने रहेंगे। इतना ही नहीं, परदेशी को राज्य मंत्री का दर्जा भी मिलेगा।
राज्य में बड़े नौकरशाहों को इस बात से राहत मिली कि परदेशी सीएमओ का हिस्सा नहीं होंगे। उन्हें लगता है कि परदेशी एक कार्यवाहक नौकरशाह की तुलना में ‘सीएम के निजी कर्मचारी’ की तरह अधिक होंगे। क्योंकि, उनके कर्तव्य अलग हैं, और इसलिए वे प्रशासनिक व्यवस्था में किसी अन्य व्यक्ति के अधिकार पर अंकुश नहीं लगाएंगे। तथ्य यह है कि परदेशी के पास राज्य प्रशासन में पर्याप्त शक्ति है। उनके कार्य विवरण में ऐसे काम शामिल हैं, जो संभावित रूप से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के अधिकार में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिनके पास वित्त विभाग है।
इससे स्पष्ट है कि परदेशी के पास राज्य की वित्तीय स्थिति की तिमाही समीक्षा कैबिनेट को देने की जिम्मेदारी है, जिसके लिए उन्हें वित्त विभाग द्वारा नीतिगत निर्णयों के प्रस्तावों पर परिप्रेक्ष्य देने के लिए कैबिनेट की बैठकों में भाग लेना पड़ता है। इतना ही नहीं, वह मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर आर्थिक परिवर्तन, औद्योगिक और कृषि नीतियों से संबंधित प्रस्तावों की भी जांच करेंगे। यही कारण है कि विपक्षी नेताओं को लगता है कि परदेशी की नियुक्ति सीएम फडणवीस की अजित पवार को दरकिनार करने की राजनीतिक चाल है।