रतलाम. अगर किसी पात्र हितग्राही को पट्टा नहीं दिया तो संबंधित तहसीलदार या नायब तहसीलदार सस्पेंड किए जाएंगे।एसडीएम के विरुद्ध भी कार्यवाही हेतु शासन को लिखा जाएगा। कलेक्टर, मुख्यमंत्री भू अधिकार आवासीय योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को दिए जाने वाले पट्टों की जानकारी ले रहे थे।
बताया गया कि अभी 1988 पट्टे ऑनलाइन वितरण हेतु तैयार हैं। समीक्षा में पाया कि पिपलौदा, जावरा, रावटी, आलोट तथा रतलाम ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम संख्या में पट्टे दिए गए हैं जिस पर कलेक्टर द्वारा सख्त नाराजगी जताई गई।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान संचालित करके जो भी पात्र हितग्राही हैं, उनको पट्टे देना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं फील्ड में जाकर सत्यापन करेंगे, पात्र हितग्राही को पट्टा मिलना चाहिए। कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जमुना भिड़े को रावटी क्षेत्र में, एसडीएम रतलाम संजीव पांडे को रतलाम ग्रामीण क्षेत्र में तथा डिप्टी कलेक्टर त्रिलोचन गौड को पिपलोदा, जावरा, आलोट जाकर मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना क्रियान्वयन के रेंडम निरीक्षण के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि यदि किसी परिवार को आवास के लिए पट्टे की आवश्यकता है तो आबादी भूमि से पट्टा दिया जाए, आबादी भूमि नहीं है तो आबादी भूमि घोषित करके पट्टा देना हैं।