Child Marriage Stopped : देवउठनी एकादशी पर होने वाला बाल विवाह रोका गया!

समझाइश के बाद दोनों पक्ष अभी शादी न करने पर सहमत, शपथ पत्र दिया!

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Child Marriage Stopped : देवउठनी एकादशी पर होने वाला बाल विवाह रोका गया!

Indore : गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर होने वाले अबूझ मुहूर्त में संभावित बाल विवाहों को रोकने के लिए प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग ने दल गठित कर जिम्मेदारी सौंपी है। एकादशी पर होने वाले विवाह को लेकर मंगलवार को एमआईजी थाने में की गई शिकायत के अनुसार रुस्तम की चाल में रहने वाले परिवार ने अपनी 16 वर्ष की बालिका का विवाह 18 वर्ष के झांसी निवासी बालक के साथ तय किया था। शिकायत के आधार पर एमआईजी की उप निरीक्षक सीमा शर्मा और बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक ने बालिका के परिजनों को बुलाकर समझाइश दी।

चर्चा में पता चला कि बालिका की माता पर पिछले दिनों किसी ने हमला किया था। इस डर के कारण वे अपनी बेटी का विवाह जल्दी से जल्दी करना चाह रही थी। जबकि, शिकायतकर्ता का कहना है कि उक्त विवाह दबाव बनाकर किसी दलाल महिला के माध्यम से झांसी निवासी युवक के साथ कराया जा रहा है।

महेंद्र पाठक ने बताया कि वर पक्ष से चर्चा करने पर पता चला कि बालक की उम्र 18 वर्ष है और उन्हें नियमों की जानकारी नहीं थी। इसके चलते वे विवाह कर रहे थे। युवक की माताजी बीमार रहती है, इस कारण जल्द से जल्द विवाह करना चाहते थे। नियम और सजा का प्रावधान जानने के बाद उन्होंने विवाह करने से मना कर दिया।

बालिका की माता ने बताया कि बेटी का जन्म और शिक्षा बड़ोदरा गुजरात में हुई है। उसके उम्र संबंधी कोई प्रमाण नहीं है, किंतु उसका जन्म 1 जुलाई 2006 को हुआ था इसके अनुसार उसकी आयु मात्र 17 वर्ष है। बालिका के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए विवाह करने पर होने वाली सजा और जुर्माना के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने तुरंत विवाह निरस्त करने का शपथ पत्र दिया और वर पक्ष को भी दोनों बच्चों के बालिग न होने तक शादी न करने की बात कही।