ढाई दशक से एक ही अखबार से जुड़े इटारसी के वरिष्ठ पत्रकार शैलेश जैन समेत मप्र के छह पत्रकारों को कल मिलेगा बाल अधिकार रिपो​र्टिंग अवार्ड

भोपाल में कल आयोजित समारोह में होगा पुरस्कारों का वितरण

ढाई दशक से एक ही अखबार से जुड़े इटारसी के वरिष्ठ पत्रकार शैलेश जैन समेत मप्र के छह पत्रकारों को कल मिलेगा बाल अधिकार रिपो​र्टिंग अवार्ड

जिला ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खबर

भोपाल/इटारसी। मध्यप्रदेश के छह पत्रकारों को बाल अधिकार पर बेहतरीन रिपोर्टिंग के लिए विकास संवाद बाल अधिकार मीडिया अवार्ड के लिए चुना गया है। वर्ष 2022 में बेहतरीन कवरेज के लिए एनडीटीवी इंडिया के मप्र प्रमुख अनुराग द्वारी, द सूत्र की वरिष्ठ संवाददाता रुचि वर्मा, दैनिक भास्कर इटारसी के ब्यूरो प्रमुख शैलेष जैन और गांव कनेक्शन के लिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार सतीश मालवीय को उनकी खबरों के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। नवदुनिया विदिशा के ब्यूरो प्रमुख अजय जैन और 101 रिपोर्टर से जुड़े आसिफ सिद्दीकी (खंडवा) की खबरों को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया है। अनुराग ने जहां पर बच्चों के पोषण आहार के घोटाले को सामने लेकर आए, वहीं रुचि ने मप्र में कुपोषण का दाग, शैलेष जैन ने दस वर्षीय बालिका के साथ दुराचार के मामले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की गवाही और दोषी को सजा दिलवाने और सतीश मालवीय ने पारधी समुदाय के बच्चों पर खबरें की हैं।

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अजय जैन की खबर स्कूल जाने के लिए सात किलोमीटर पैदल चलने और आसिफ की बाल पंचायत की खबर का चयन ज्यूरी ने किया। पत्रकारों को पुरस्कार में 25 हजार रुपए की राशि प्रशस्ति पत्र व ट्राफी, सांत्वना पुरस्कार में पांच हजार रुपए की राशि, प्रशस्ति पत्र व ट्राफी दी जाएगी। इस साल इन अवार्ड के लिए बड़ी संख्या में पत्रकारों की एंट्री प्राप्त हुई थीं। इन सभी पुरस्कारों का चयन वरिष्ठ संपादकों की एक चयन समिति ने किया, इस समिति में वरिष्ठ संपादक श्री चंद्रकांत नायडू, श्री एनके सिंह, श्री राजेश बादल व सुश्री श्रावणी सरकार शामिल हैं। विकास संवाद के राकेश कुमार मालवीय ने बताया कि इन सभी पत्रकारों को 18 मार्च को आयोजित राज्य पुरातत्व संग्रहालय में आयोजित समारोह में पुरस्कार दिए जाएंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय जनसंचार संस्थान के प्रोफेसर आनंद प्रधान का सूचना क्रांति के दौर में सत्य बनाम कुप्रचार, अफ़वाहें और कांस्पिरेसी थियरी: पत्रकारिता की चुनौतियाँ विषय पर व्याख्यान भी होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता चिंतक, आलोचक विजय बहादुर सिंह करेंगे।

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*परिचय : शैलेष जैन*

शैलेश जैन को मैं कालेज के दिनों से जानता हूं,जहां वे मेरे जूनियर थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में ऐसे शख्स बहुत कम हैं जो ढाई दशक से एक ही दैनिक अखबार से जुड़कर बिना रुके अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। इनका व्यक्तित्व अंतर्मुखी, शांत, धीर-गंभीर है। पत्रकारिता के मूल्यों से समझौता किए बगैर सच को उजागर करना और पूरी विश्वसनीयता से काम करना उनकी शैली है। स्टोरी लिखने का एक अलग अंदाज है। पत्रकारिता का कोई दिखावा नहीं है। अपराध की घटनाओं से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र, मानवीय मूल्यों, बाल व महिला अधिकारों पर आधारित रिपोर्ट पर पकड़ है। इनका जन्म के इटारसी शहर में 25 जनवरी 1968 को हुआ। स्टेशनगंज स्कूल में प्रायमरी की पढ़ाई की फिर विज्ञान विषय लेकर फ्रेंड्स स्कूल से हायर सेकंडरी पास की। वाणिज्य विषय लेकर शासकीय महात्मा गांधी स्मृति महाविद्यालय में दाखिला लेकर इन्होने सागर के डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में तीसरा स्थान पाया। दस साल से बंद कॉलेज पत्रिका अनामिका का प्रकाशन करवाया और छात्र राजनीति में हिस्सा लेकर कक्षा प्रतिनिधि व छात्रसंघ में सांस्कृतिक सचिव बने। एमकॉम की पढ़ाई पूरी होने के पहले ही उन्होंने मौजूदा व्यवस्था और दूसरों के अधिकारों से लड़ने पत्रकारिता को अपना लिया। सन् 1988 में नवभारत के जरिए पत्रकारिता को जाना और समझा फिर 13 जनवरी 1989 को इटारसी में शुरू हुए दैनिक भास्कर कार्यालय में बतौर पूर्णकालिक रिपोर्टर काम करना शुरू किया। फिर ब्यूरो प्रमुख बने। क्राइम और कोर्ट की खबरों में रुझान होने पर कानून की पढ़ाई की। इस ब्रेक के दौरान नई दिल्ली के संडे मेल के लिए फील्ड रिपोटिंग की। दैनिक नई दुनिया के भोपाल स्थित मुख्यालय में बतौर उप संपादक कार्य किया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के भोपाल केंद्र से सृजनात्मक लेखन का अध्ययन किया। रोटरी क्लब की विंग रोटरेक्ट क्लब में सचिव और जीवोदय चाइल्ड लाइन, भारतीय जैन संघटना जैसी सामाजिक सरोकार रखने वाली संस्थाओं के सदस्य रहे। दैनिक भास्कर से उनका नाता कभी नहीं टूटा है 14 जनवरी 1999 को दूसरी पारी शुरू की। हरदा,बैतूल,नर्मदापुरम,इटारसी में विगत 35 साल से पत्रकारिता का उनका यह सफर जारी है।