Cleanliness Sixer : इंदौर फिर बन गया नंबर-वन, 6ठी बार सफाई में अव्वल! 

शहर में 14 स्थानों पर समारोह का सीधा प्रसारण, मिठाई बंटी

1479

Cleanliness Sixer : इंदौर फिर बन गया नंबर-वन, 6ठी बार सफाई में अव्वल! 

Indore : सफलता का सिलसिला जारी रखते हुए इंदौर ने शनिवार को सफाई का नया इतिहास रच दिया। लगातार छठी बार स्वच्छता में नंबर वन होने के साथ यह शहर देश का पहला ‘सेवन स्टार सिटी’ होगा। दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सफाई के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। यह अवार्ड लगातार 6 साल स्वच्छता में न सिर्फ नं. 1 रहने के लिए मिला। साथ ही नए-नए प्रयोग कर वेस्ट टू वेल्थ के सस्टेनेबल मॉडल को स्थापित किया।

एशिया का सबसे बड़ा 550 टन प्रतिदिन की क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट स्थापित कर 2.52 करोड़ की सालाना आय भी शुरू की। दूसरे शहर जहां कचरे की प्रोसेसिंग में करोड़ों खर्च कर रहे हैं वहीं, हमारा शहर कार्बन क्रेडिट सहित कचरे के उत्पादों से 12 करोड़ रुपए सालाना कमा रहा है। इंदौर इकलौता शहर है, जिसने कचरे के कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन पर शत-प्रतिशत यूजर चार्ज वसूले और जीरो कॉस्ट मॉडल पेश किया। इंदौर का नाम छठी बार सफाई में इंदौर का नाम अंकित हो गया। सफाई में इंदौर के फिर सिरमौर बनने पर 14 स्थानों पर नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और सफाई मित्रों ने जश्न मनाया। जश्न के दौरान मिठाई वितरित की गई।

IMG 20221001 WA0279 IMG 20221001 WA0277

स्वच्छता अवार्ड लेने इंदौर से संभाग आयुक्त डॉ पवन शर्मा, कलेक्टर, मनीष सिंह, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, अपर आयुक्त संदीप सोनी, कार्यपालन यंत्री महेश शर्मा, अनूप गोयल सहित 30 अधिकारी, जनप्रतिनिधि दिल्ली गए हैं। पुरस्कार लेकर लौटने पर एयरपोर्ट से लेकर राजवाड़ा तक व्यावसायिक संगठन स्वागत मंच लगाकर स्वागत किया जाएगा।

नवरात्रि में शहरभर में 2000 से अधिक स्थानों पर गरबा हो रहे हैं। गरबा पंडालों से मां दुर्गा की आराधना की जा रही है। आज से गरबा स्थलों पर स्वच्छता का गान होगा।

IMG 20221001 WA0277 1

शुरू में इसे असंभव माना गया

स्वच्छता अवार्ड की शुरुआत के समय तत्कालीन निगम आयुक्त मनीष सिंह ने महापौर मालिनी गौड़ के साथ जब शहर को कचरा पेटी से निजात दिलाने डोर टू डोर कचरा संग्रहण गाड़ियां शुरू कराईं, तो खुद निगम अधिकारी और लोग उनके प्रयासों का मखौल उड़ाने लगे। लेकिन, दोनों ने बगैर किसी के विरोध, मखौल के परे अपने प्रयास ईमानदारी से जारी रखे, परिणाम यह निकला कि पहली बार वर्ष 2107 में निगम को प्रथम पुरस्कार मिला। इसके बाद निगम ने हर साल अगले पायदान पर पहुंचने के लिए चुनौतियों का सामना किया। अधिकारी भी कंधे से कंधा मिलाकर कर्तव्यों का निर्वहन करने लगे। सफाई मित्रों को आवश्यक संसाधन देने के साथ समय-समय पर उनका सम्मान कर हौसला अफजाई की। नतीजा यह निकला कि पांच बार इंदौर नंबर वन रहा और इस बार छक्का लगा दिया।