Cloud Burst : उत्तराखंड में बादल फटने से भारी बारिश, केदारनाथ में 200 यात्री फंसे, टिहरी में 2 की मौत!

केदारनाथ यात्रा रोकी गई, पहाड़ से लेकर मैदान तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा!

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Cloud Burst : उत्तराखंड में बादल फटने से भारी बारिश, केदारनाथ में 200 यात्री फंसे, टिहरी में 2 की मौत!

Dehradun : बुधवार सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में दो अलग-अलग जगह बादल फटने की घटनाएं हुई। टिहरी के घनसाली में बादल फटने की घटना में दो लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। उधर, केदारनाथ पैदल मार्ग में भीम बली के गदेरे में भी बादल फटने की घटना के बाद करीब 150 से 200 लोग फंस गए। उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश का दौर 24 घंटे से ज्यादा समय से जारी है। इस कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा।

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घनसाली विधानसभा क्षेत्र के जखन्याली में नौताड़ गदेरे में बादल फटने से गदेरे के पास एक होटल बह गया और मुयालगांव में घनसाली-चिरबिटिया मार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बह गई। यहां एक ही परिवार के 3 लोगों के लापता होने की खबर थी जिनमें दो लोगों के शव बरामद हो गए। तीसरा व्यक्ति घायल है। मृतक पति-पत्नी हैं जबकि घायल उनका बेटा बताया जा रहा। भानु प्रसाद (50) और नीलम देवी (45) की मृत्यु हो गई, उनका 28 वर्षीय बेटा विपिन घायल है।

मार्ग का 30 मीटर का हिस्‍सा क्षतिग्रस्‍त 

केदारनाथ पैदल मार्ग में भीम बली के गदेरे में बादल फटने की घटना हुई। रास्ते में भारी मलबा और बोल्डर गिरे हैं। पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। करीब 150-200 यात्री वहां फंसे बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद पैदल मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी गई। भीम बली में 150 से 200 तीर्थ यात्रियों के फंसे होने की आशंका है। अब तक किसी जनहानि की खबर नहीं है। लगातार हो रही बारिश से केदारनाथ धाम में मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।

घटना के बाद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस को मौके पर तैनात कर दिया गया। आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। भारी बारिश को देखते हुए अस्पतालों को भी अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए।

जलस्‍तर बढ़ने के बाद मंदिर खाली कराया

भीम बली में बादल फटने के बाद मौके पर रेस्क्यू टीमें तैनात हैं। सेक्टर गौरीकुंड द्वारा सूचना प्राप्त मिली है कि नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गौरी माई मंदिर खाली करवा दिया गया है। सभी को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। साथ ही नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण पार्किंग खाली करा दी गई।