CM’s Road Show in Dhar : मुख्यमंत्री ने धार में रोड शो कर विकास कार्यो का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया!

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CM’s Road Show in Dhar : मुख्यमंत्री ने धार में रोड शो कर विकास कार्यो का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज धार जिले के दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने 302 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इसके तहत धार में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज और आयुर्वेदिक कॉलेज खुलेगा और नर्मदा का पानी धार के खेतों में लाया जाएगा। साथ ही उन्होंने अमझेरा में स्थित अमका-झमका मंदिर में श्रीकृष्ण-रुक्मणि से संबंधित तीर्थ स्थल का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तय समय के अनुसार 2 घंटे लेट पहुंचे। घोड़ा चौपाटी से यह रोड शो प्रारंभ हुआ। नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पीजी कॉलेज पहुंचा।

मुख्यमंत्री के प्रथम आगमन पर कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह मंच लगाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री के रोड शो में भारी जनसैलाब उमड़ा। रोड शो के बाद पीजी कॉलेज ग्राउंड में मुख्यमंत्री ने जिले के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं शिलान्यास करते हुए एक विशाल आमसभा को संबोधित किया।

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उन्होंने कहा कि राम मंदिर के मामले मे कांग्रेस की उपेक्षा को लेकर लोकसभा में सबक सिखाना न भूलें। मुख्यमंत्री ने जनता से आह्वान किया कि राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने वालों को कभी भूलना मत। मुख्यमंत्री ने श्री अन्न मेला, प्रदर्शनी एवं स्वयं सहायता समूह कि महिलाओं की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उसके बाद धार के अमझेरा के अमका-झमका तीर्थ के लिए प्रस्थान किया।

अपने भाषण में डॉ मोहन यादव ने कहा कि आदिवासी भाई-बहनों के हाथों में तीर और धनुष भगवान राम का सम्बंध बताते हैं। मुझे इस बात का गर्व है कि यह बात धार और झाबुआ मे नही बोलेंगे तो कहां बोलेंगे। भगवान राम और वनवासी आदिवासियों का प्रेम इसी से झलकता है। हमारी आंखों के सामने हजारों साल पुरानी यह मित्रता आ जाती है। तीर और धनुष भगवान राम के काल में वनवासी आदिवासियो के साथ प्रेम प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने देश में ऐसे लोग भी हैं जो इस बात का प्रमाण मांगते हैं कि अयोध्या में राम पैदा हुए भी थे या नहीं। ये अभागे प्रमाण मांगते रहे कि राम कहां थे, कहां पैदा हुए। जब सुप्रीम कोर्ट ने सबके सामने फैसला दिया, ऐसे फैसले को भी मानने के लिए अभी तक कांग्रेस के नेता जो मुख्यमंत्री रह चुके हैं मानने को तैयार नहीं हैं। कहने के लिए इन्होंने बीई की पढाई कर रखी है। लेकिन, कितने दुर्भाग्य की बात है कि आज भी उनको मंदिर बनाने का सुख नहीं है।
आज भी वे सिर ठोंकते हैं कि मज्जिद क्यो तोड़ी। इन सब बातों को भूलना आसान नहीं है। यह अभागे वह लोग है जो भगवान राम के निमंत्रण को भी ठुकराते हैं। भगवान राम का मंदिर के गर्भ गृह मे प्रवेश हुआ। इन्हें निमंत्रण दिया। ऐसा अच्छा काम हम लोग जब करते है, तो अपने साथ कोई अच्छा व्यवहार करे, उसका निमंत्रण सबको देते है। लेकिन, यह तो घमंड मे ऐसे चूर हैं कि भगवान राम और अपने संबंधों को भुलाकर अपने ही नशे में चूर है।