Cold Wave : इस साल बहुत कंपकंपाएगी सर्दी

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New Delhi : सर्दियों का मौसम इस बार बहुत ज्यादा सताने वाला है। अनुमान है कि बीते सालों के मुकाबले 50% ज्यादा ठंड पड़ेगी।इनका कारण ला-नीना बताया जा रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, ला-नीना की परिस्थितियां अपने चरम पर हैं, जो अगले साल मार्च तक बनी रहेंगी। भारत समेत एशियाई देशों में इस बार सर्दी का मौसम ज्यादा ही असर दिखायेगा। ला-नीना की वजह से ठंड के सीजन में इस बार सर्द दिन यानी कोल्ड स्पेल ज्यादा होंगे। जब तापमान सामान्य से 6 डिग्री नीचे पहुंच जाता है, तो सीवियर कोल्ड डे और जब तापमान 4 डिग्री नीचे हो तो उसे कोल्ड डे कहते हैं।

सामान्य रूप से औसतन जनवरी में इनकी संख्या 4-6 दिन प्रति माह हो सकती है। हाल के वर्षों में 2019 बीती एक सदी में दूसरा सबसे ठंडा वर्ष था जब जनवरी में दिल्ली में 12 कोल्ड डे पड़े। हालांकि वह ला नीना वर्ष नहीं था। अनुमान है कि इस बार सर्द दिन 2019 से भी ज्यादा होंगे। स्काईमेट के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में नवंबर और दिसंबर के दौरान सामान्य से ज्यादा समुद्री तूफान आएंगे। कनाडा, रूस, यूरोप में सामान्य से अधिक स्नो स्टॉर्म आएंगे। पश्चिमी विक्षोभ मजबूती से भारत में दाखिल होंगे और ठंडी हवाएं लाएंगे।

प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा से ऊपर 140 से 120 डिग्री के बीच के हिस्से को वैज्ञानिक भाषा में नीनो-3.4 रीजन कहा जाता है, जब इस इलाके में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से नीचे होता है तो इस स्थिति को ला-नीना स्थिति कहते हैं। बीते चार हफ्तों से इस क्षेत्र में तापमान सामान्य से आधा (0.5) डिग्री कम चल रहा है, जोकि इसकी चरम स्थिति है। इसका असर समूचे उत्तरी गोलार्ध पर पड़ेगा।

22% ज्यादा बारिश के आसार

IMD के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को नवंबर में दक्षिणी प्रायद्वीप इलाके का बारिश पूर्वानुमान जारी किया। इसके मुताबिक, नवंबर में दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से 22% ज्यादा बारिश होने की संभावना है। यहां सामान्य रूप से 117 मिमी बारिश होती है।