Ratlam : जनसुनवाई में एक छोटी सी बालिका का दुखड़ा सुनकर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी उसके स्कूल पहुंचे। स्कूल संचालक से बात की और बालिका को स्कूल में फिर से एडमिशन दिलवाया कलेक्टर ने कहा बालिका की पढ़ाई का खर्च प्रशासन वहन करेगा। रतलाम के गांधी नगर की रहने वाली 9 वर्षीय बालिका मीनाक्षी शर्मा के बचपन में ही उसकी माता का निधन हो गया था। पिता ने दूसरी शादी कर ली और कहीं चला गया। बालिका दादी सरिता शर्मा के साथ रहती है। गरीब दादी पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ हैं।
मंगलवार को जनसुनवाई में मीनाक्षी अपनी दादी के साथ कलेक्टर के पास आई। दादी ने बताया कि शहर के सेंट स्टीफन स्कूल की कक्षा चौथी की विद्यार्थी मीनाक्षी को स्कूल वालों ने फीस नहीं देने के कारण निकाल दिया है। स्कूल प्रबंधन से निवेदन किया, पर वे स्कूल में नहीं बैठने दे रहे। दादी की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि बालिका को फीस देकर पढ़ा सके।
बालिका की परेशानी को सुनकर कलेक्टर सूर्यवंशी ने तत्काल महिला बाल विकास अधिकारी रजनीश सिन्हा और डीपीसी एमएल सांसरी से बात की और उन्हें साथ लेकर बालिका के स्कूल पहुंचे। स्कूल संचालक संजय उपाध्याय से चर्चा की और उनको समझाया। कलेक्टर ने कहा कि बालिका मीनाक्षी की पढ़ाई में अब कोई बाधा नहीं आएगी, उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च प्रशासन उठाएगा। स्कूल की फीस रेडक्रॉस से दी जाएगी।
कलेक्टर ने उसी समय बालिका को स्कूल में भर्ती कराया और बाजार से चॉकलेट मंगाकर बालिका को दी। इसके बाद बालिका और उसकी दादी को अपने स्वयं के शासकीय वाहन से बालिका के जवाहर नगर स्थित निवास पर पहुंचाया।
इस दौरान कलेक्टर सूर्यवंशी ने कहा कि स्वयं हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालिकाओं की परवरिश और उनकी शिक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील हैं इसीलिए उनके द्वारा लाडली लक्ष्मी तथा अन्य बेहतरीन योजनाएं प्रदेश में लागू की गई है। मुख्यमंत्री की भावना एवं निर्देश अनुसार जिला प्रशासन भी बालिकाओं के हितों की रक्षा के लिए जागरूक एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहा है।