
Collector’s Order: दूध विक्रेताओं को फैट मापक यंत्र प्रतिष्ठान पर रखना अनिवार्य, कलेक्टर आशीष सिंह ने जारी किये प्रतिबंधात्मक आदेश, उल्लघंन पर होगी कार्रवाई
इंदौर: कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने इन्दौर जिले में अपमिश्रित व मिलावटी दूध के उपयोग से होने वाले संक्रामक रोगो की रोकथाम, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से अपमिश्रित एवं मिलावटी दूध के विक्रय की रोकथाम एवं उस पर नियंत्रण के मद्देनजर भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है। इस आदेश के अनुसार दूध में मिलावट की पहचान हेतु प्रत्येक दूध विक्रेता को फैट (वसा) मापक यंत्र प्रतिष्ठान पर अनिवार्य रूप से रखना होगा।
जारी आदेशानुसार इन्दौर जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में समस्त दुग्ध विक्रेता/डेयरी संचालक अपने प्रतिष्ठान में फैट (वसा) एवं एस.एन.एफ. मापक यंत्र अनिवार्य रूप से रखना होंगे। समस्त दुग्ध विक्रेता/डेयरी संचालक विक्रय किए जा रहे दूध में फैट एवं एस.एन.एफ. की खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं विनियम 2011 के अनुसार निर्धारित/मानक मात्रा एवं वर्तमान दुग्ध पदार्थ में उपस्थित मात्रा को इलेक्ट्रानिक रूप से डिस्प्ले पर अथवा सूचना पटल पर लिखकर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करेंगे। समस्त दुग्ध विक्रेता/डेयरी संचालक उपभोक्ताओं के चाहे जाने पर उनके समक्ष ही दूध का परीक्षण कर फैट एवं एस.एन.एफ. की मात्राओं से अवगत करायेंगे।
समस्त दुग्ध विक्रेता/डेयरी संचालक मापक यंत्र के संबंध में आवश्यक जानकारी एवं प्रशिक्षण आवश्यकता अनुसार उपभोक्ताओं को प्रदान करेंगे। समस्त दुग्ध विक्रेता/डेयरी संचालक जिनके द्वारा डोर-टू-डोर दूध सप्लाई की जाती है वे अपने साथ मापक यंत्र रखना अथवा दूध के डिब्बों/केन पर फैट एवं एस.एन.एफ. की मात्रा प्रतिदिन दिनांक के साथ अनिवार्य रूप से उल्लेखित किया जाना सुनिश्चित करेंगे। समस्त दुग्ध विक्रेता/डेयरी संचालक को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं विनियम 2011 के अनुसार प्रतिदिन दूध आवक एवं विक्रय का रिकार्ड का संधारण करना अनिवार्य है। साथ ही उक्त रजिस्टर में फैट एवं एस.एन.एफ. की जानकारी भी अंकित किया जाना अनिवार्य होगा।
उक्त समस्त बिन्दुओं के पालन के संबंध में जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जांच की जायेगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं विनियम 2011 के अंतर्गत प्रकरण तैयार कर सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा।
आदेश का उल्लघंन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-223 के तहत कार्रवाई की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है और आगामी 3 अप्रैल 2025 तक प्रभावशील रहेगा।