Collector’s Orders Not Followed : कलेक्टर के आदेश के बाद भी दो पटवारी रिलीव नहीं!
पटवारियों को 13 नवंबर को रिलीव करने का आदेश था, जिसका पालन नहीं किया!
Indore : विधानसभा चुनाव के दौरान 3 साल से ज्यादा अवधि तक एक ही स्थान पर पदस्थ सरकारी कर्मचारियों को हटाया गया। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस कार्रवाई में शिकायत के आधार पर राऊ तहसील के दो पटवारियों को तहसील कार्यालय में अटैच करने के आदेश दिए थे। लेकिन, मतदान के बाद भी तहसीलदार ने दोनों पटवारियों को रिलीव नहीं किया।
तहसील इंदौर के पटवारी हल्का बिजलपुर में पदस्थ पटवारी रितेश कुमार राणा एवं कस्बा इंदौर हलका तेजपुर गड़बड़ी में पदस्थ पटवारी देवराज दांगी की पदस्थापना की अवधि 3 साल से ज्यादा हो गई थी। यह मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 की नियमावली निर्देशिका के विरूद्ध है। उक्त दोनों कर्मचारी निर्वाचन कार्य में भी संलग्न रहे। इन दोनों पटवारियों के राजनीतिक दल के नेताओं से नजदीकी संबंधों के चलते निष्पक्ष निर्वाचन प्रभावित होने की संभावना जताई गई थी।
कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने 25 अक्टूबर को अपने आदेश (क्रमांक 150/वि.आ.निर्वा./शि.से.-63/2023) से पटवारी रितेश राणा पटवारी हल्का बिजलपुर एवं देवराज दांगी क़स्बा इंदौर के 3 साल से अधिक समय से पदस्थापना एवं निर्वाचन कार्य पक्षपातपूर्ण कराए जाने के संबंध में शिकायत का उल्लेख करते हुए तबादला किया था। रितेश राणा और देवराज दांगी को 13 नवंबर को कार्यमुक्त करने के आदेश दिए थे। दोनों पटवारियों को आगामी आदेश तक तहसील कार्यालय राऊ में अटैच किया था।
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आदेश में यह भी कहा गया था कि दोनों पटवारी राऊ कार्यालय में तत्काल अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। लेकिन, जानकारी के मुताबिक तहसीलदार ने अभी तक इन दोनों पटवारियों को रिलीव नहीं किया। जबकि, कलेक्टर के आदेश में स्पष्ट रूप से 13 नवंबर को कार्यमुक्त करने के आदेश दिए गए थे। इनके संभावित राजनीतिक हस्तक्षेप के आशंका के बावजूद ये मतदान के दौरान अपने पूर्व स्थान पर पदस्थ रहे। इस संबंध में तहसीलदार से पूछा गया तो वे रिलीव न करने का कोई उचित कारण नहीं बता सके। लेकिन, यह कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश की अवहेलना का भी मामला भी है, जिसका पालन नायब तहसीलदार धीरेश सोनी को करना था पर नहीं किया गया।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने दोनों पटवारियों को देपालपुर ट्रांसफर किया था। निर्वाचन के बाद तत्काल प्रभाव से भेजना को कहा गया था। लेकिन, आज तक दोनों पटवारी अपने आकाओ के फोन लगवाकर ट्रांसफर रूकवाना चाह रहे हैं। पटवारी रितेश राणा को हटाने के बाद पटवारी चेतन उपाध्याय को राऊ भेजा था। चेतन उपाध्याय ने पदभार भी ग्रहण कर लिया था, लेकिन रितेश राणा ने अपने राजनीतिक आकांओ के दम पर चार्ज नहीं दिया।
इनका ये कहना है
नायब तहसीलदार धीरेश सोनी ने कहा कि दोनों पटवारियों को कस्बा इंदौर के अपने हलकों से हटा दिया और कार्यमुक्त कर दिया है।
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